Gorakhpur Serial Blasts Case. NIA Arrested 17 More.
केस 1: गोरखपुर बम ब्लास्ट के अभियुक्त को सजा
दिनांक 21 Dec 2020 को सालों पहले हुए गोरखपुर बम धमाके मामले में न्यायाधीश नरेन्द्र कुमार सिंह ने आजमगढ़ के 'रानी की सहाय' थाने क्षेत्र के ग्राम शंभूपुर निवासी अभियुक्त “तारिक काजमी”को सजा सुनाते हुए 2 लाख 15 हजार रुपये का अर्थदंड के साथ आजीवन कारावास की सजा सुनाई है ! अर्थदंड ना देने पर चार साल पाँच महीने की सजा अलग से भुगतनी पड़ेगी ! दिनांक 22 May 2007 को गोरखपुर के पाश इलाके गोलघर में बम ब्लास्ट किये गए थे !
पूरा कांड क्या था ?
दिनांक 22 May 2007 को शाम करीब सात बजे तारिक ‘बलदेव प्लाजा’ के नज़दीक ‘सरस्वती एजेंसी’ में सेल्समैन का कार्य करता और वही मौजूद था ! थोड़ी देर में ‘जलकल बिल्डिंग’ की तरफ से एक ब्लास्ट की आवाज़ सुनाई दी ! इसी बीच दूसरा ब्लास्ट ‘बलदेव प्लाज़ा पेट्रोल पम्प’ के बगल में खड़ी साइकिल में टंगे झोले में रखा बम के कारण हुआ और एक के बाद एक और तीसरा बम ब्लास्ट ‘गणेश चौराहे’ पर हुआ था ! इस ब्लास्ट में छह लोग घायल हुए थे ! ब्लास्ट के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और बम के अवशेष, अभियुक्त के फोटो स्केच और अन्य सबूतों के आधार पर तारिक काजमी का नाम सामने आया !
जांच के दौरान, पुलिस ने यह भी पाया कि धमाके चरमपंथी संगठनों ‘इंडियन मुजाहिद्दीन’ और ‘हूजी’ द्वारा किये गए थे ! पुलिस ने दिनांक 20 Dec 2007 को बाराबंकी रेलवे स्टेशन के बाहर से काज़मी और हूजी आतंकी ‘ख़ालिद मुजाहिद’ को 1.25 किलो RDX, 6 डेटोनेटर, 3 फोन और दो सिम कार्ड के साथ गिरफ्तार कर लिया था ! सन 2013 को ख़ालिद 'लखनऊ ज़िला जेल' ले जाते वक्त उसकी मौत हो गई थी ! इस गोरखपुर मामले की जाँच में अन्य तीन आईएम संचालित सलमान उर्फ छोटू, सैफ और मिर्जा शादाब भी शामिल थे जिनमे से दो सलमान और सैफ जेल में है !
जिन आतंकवादियों को छोड़ने की कोशिश करने में मॉ०उच्च न्यालयाय द्वारा लताड़े गये थे @yadavakhilesh उसमें शामिल ताहिर को कल उम्रक़ैद की सज़ा सुनायी गयी @samajwadiparty @juhiesingh @shalabhmani pic.twitter.com/lRVcAFL1pV
— Manish Shukla (@manishBJPUP) December 22, 2020
समाजवादी पार्टी ने बचाने की कोशिश की
सन 2013 में समाजवादी पार्टी (SP) सरकार के अखिलेश यादव ने गोरखपुर ब्लास्ट मामले को वापस लेने के लिए अदालत में एक वापसी आवेदन दिया गया था ! इस आवेदन को न्यायाधीश ने अस्वीकार कर दिया था ! इस बात को पक्का इस बात से कर सकते है कि काज़मी का वकील ‘जलालुद्दीन’ ने बताया था मामले को वापस लेने की याचिका को अदालत ने ख़ारिज कर दिया था ! उस समय की समाजवादी पार्टी सरकार के मुखिया अखिलेश यादव को क्यूँ बचाना चाहते थे !
National Investigation Agency (NIA) arrests 17 SDPI & PFI party leaders for their involvement in violent attack & large scale rioting at KG Halli Police Station, in Bengaluru on Aug 11. In the case, so far, 187 accused persons have been arrested. Further probe underway: NIA
— ANI (@ANI) December 21, 2020
केस 2: बेंगलोर दंगो में 17 और दंगाई को दबोचा
दिनांक 21 Dec 2020 को एनआईए ने जांच के समय कट्टर इस्लामिक संगठन पीएफआई और एसडीएफआई के 17 दंगाइयों को गिरफ्तार कर लिया है ! एनआईए ने अब तक 187 दंगाइयों को गिरफ्तार कर चुकी जिन्होंने फेसबुक विवाद के बाद दंगे करते हुए विधायक का घर, पुलिस स्टेशन और सैकड़ों गाडियां फूंक दी थी ! इन दंगों में 1000 से ज्यादा मुस्लिम भीड़ (मोब) ने दिनांक 11 Aug 2020 की रात में शहर के कुछ इलाको में कांग्रेस के दलित विधायक का घर, पुलिस स्टेशन और आस पास खड़ी सैकड़ो गाडियां जला दी गई थी !