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Dec 3, 2020

किसान आन्दोलन के नाम, पार्टियां शेक रही राजनीतिक रोटियाँ ! आप पार्टी, कांग्रेस, भारतीय किसान संघ का समर्थन फिर अब विरोध क्यूँ ?

Kejriwal, congress, Akali And BKU done U-Turn. (Specialist)

Aap Party Kejriwal, Akali Dal, congress, Bharatiya Kisan Union U Turn in  Farmer Act For Election.

केजरीवाल का टीवी पर समर्थन लेकिन चल रहे उल्टा

दिनांक 03 Dec 2020, दिल्ली में शुरू पंजाब किसानों द्वारा विरोध प्रदर्शन में किसानों द्वारा सभी रास्तों को बंद कर दिया है ! पिछले कुछ समय से पंजाबी किसानों ने दिल्ली में तीन दिन का विरोध प्रदर्शन की मांग पर हफ्तों से रोड जाम कर रखा है ! इस पंजाबी किसान प्रदर्शन का फायदा उठाने के लिए पार्टियां कूद गई है जिसमे केजरीवाल, कांग्रेस, दलित नेता, सलीम उर्फ योगेन्द्र यादव जैसे नेता भी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए तैयार  है ! हाली ही में केजरीवाल और उनके नेताओं ने टीवी से लेकर प्रदर्शन करने वाली जगह पर ‘किसान बिल’ का विरोध करते दिखाई दिये है !

लेकिन केजरीवाल सरकार द्वारा राजनीति के तहत किया जा रहा है ! हम इस बात को इसलिए कह सकते है क्युकी केजरीवाल सरकार ने दिनांक 23 Nov 2020 मतलब आज से 10 दिन पहले ही ‘किसान कानून’ को दिल्ली में लागू कर दिया था जिसमे आप सरकार ने गजट नोटिफिकेशन भी जारी किया था ! इसको लेकर दिल्ली के बीजेपी नेता कपिल मिश्रा से लेकर अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी पोल खोल दी है ! एक तरफ किसानों को हमदर्दी का दिखावा कर रहे है दूसरी तरफ किसानों के पीठ में छूरा भोक रहे है ! यहाँ तक आप सरकार ने मंडी सिस्टम को भी खत्म कर दिया जिसमे मंडियों नाम भी बताये है ! [1] इसके बारे में आगे बताएँगे ऐसा क्यूँ ?




भारतीय किसान यूनियन ने लिया यू-टर्न

अपने देखा होगा कि इस विरोध प्रदर्शन में ‘भारतीय किसान यूनियन’ पंजाब से लेकर दिल्ली में विरोध प्रदर्शन कर रहे साथ में केंद्र सरकार पर सवाल उठा रहे है जिसमे “अब” क़ानूनों के प्रति नाराज़गी दिखा रहे है ! जी हां "अब" ! आज यही संगठन “नए कानून को किसानों के हित में नहीं” बता रहे है और पुराने बिचौलियों वाला सिस्टम दोबारा शुरू करने की माँग कर रहे है !


दिनांक 02 May 2019 को ‘भारतीय किसान यूनियन’ ने केंद्रीय मंत्री ‘राम विलास पासवान’ की पंजाब सरकार से उस माँग का समर्थन किया था जिसमे केंद्रीय मंत्री ने आढतिया प्रणाली को हटाने की मांग की था ! अपने ट्विट में यूनियन ने कहा था कि बीकेयू लंबे समय से यह अनुरोध कर रहा है लेकिन सरकारें आढतियो के दबाव में किसानों को आज़ाद कराने में नाकाम रही है ! [2] 


इसके साथ एक और इसी संगठन का मेनिफेस्टो को भी जानना ज़रुरी है ! दिनांक 03 Apr 2019 को ’किसान किसान यूनियन (बीकेयू)’ ने ‘आल इंडिया किसान कार्डिनेशन कमेटी’ द्वारा तैयार किये गए लोकसभा चुनाव के पहले अपने मेनिफेस्टो में भी “APMC एक्ट” और आवश्यक वस्तु अधिनियम को खत्म किये जाने की मांग की थी ! जबकि सरकार ने मंडी सिस्टम को खत्म नहीं किया है ! इनमें बीकेयू ने किसानों के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए भारत के संविधान से "नौवी अनुसूची" की समाप्त करने की भी माँग की थी जिसमे कृषि भूमि को बेचने, किराये पर देने और पट्टे पर देने, बेहतर ग्रामीण बुनियादी ढांचे आदि की मांग का भी जिक्र था ! अब आप खुद सोचे ठीक एक साल बाद ऐसा क्या हुआ जो बीकेयू ने सालों पुरानी मांग पर यू-टर्न लिया है ! [3]




असल में गेम क्या है ?

असल में पंजाब में सन २०२२ में पंजाब में चुनाव आ रहे है ! तीन पार्टियां जो किसानों की मसीहा बनने का दिखावा कर रही है वो असल में सिर्फ राजनीति रोटियाँ शेक रही है ! अगर आप किसानों का समर्थन कर रहे है तो कांग्रेस से लेकर आप पार्टी तक एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप क्यूँ लगा रहे है ! एक तरफ, कांग्रेस सरकार में कांग्रेस के नेता और वकील कपिल सिबल ने सांसद में खड़े होकर मंडियों को खत्म करने की वकालत कर रहे थे दूसरी तरफ, अकाली दल जो लोकसभा में बिल पारित होने तक सरकार में थी जिसको सब कुछ पता था और तीसरी तरफ, पार्टी आप की सरकार ने कुछ दिन पहले ही इसको लागू कर, मंडियों को खत्म कर किसानों को समर्थन कर सिर्फ बेवकूफ बना रही है ! वही चौथा पक्ष, यूनियन एक साल पहले सालों से माँग कर रहा था वो भी चुनाव करीब आते आते विरोध करना शुरू कर देता है ! वहीँ आखिरी पक्ष, बीजेपी ने शुरुआत से कम से कम किसानों के सामने इसके फायदे बता रही है जो उसका पक्ष बदलने को तैयार नहीं लेकिन बाकी सब पार्टियां तो सिर्फ राजनीतिक रोटियाँ शेक रही है ! 



स्व घोषित पत्रकारों की पत्रकारिता

बोनस खबर, स्व घोषित पत्रकार अजित अंजुम किसान आन्दोलन में जाकर वहां के खाने के बारे में पत्रकारिता कर रहे जो वो पहले भी करते आये लेकिन सिख समुदायों ने उसको जवाब देना भी सही नहीं समझा !  


Delhi Aap Government Allowed central Farmer Act in Delhi.

Delhi Aap Government Allowed central Farmer Act in Delhi.

Delhi Aap Government Allowed central Farmer Act in Delhi.


संदर्भ

[1] केजरीवाल का किसानों पर झूठ 

[2] बीकेयू का किसानों पर यू-टर्न  

[3] बीकेयू का किसानों पर यू-टर्न 

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