MP Farmer Got Benefit From New Farmer Law. FakeNews NDTV, Sanjukta Basu
मध्यप्रदेश किसान को मिला नए कानून से इंसाफ
दिनांक 23 Dec 2020 को मध्यप्रदेश के ग्वालियर में कई किसानों को नए क़ानूनों की वजह से फायदा मिला है ! ग्वालियर में एक व्यापारी ने किसानों से धान खरीदकर पैसे नहीं दे रहा था ! किसानों ने कलेक्टर विक्रम सिंह से शिकायत दे दी ! कलेक्टर ने नए कृषि कानून के तहत व्यापारी पर धोखा देने वाले व्यापारी के खिलाफ करवाई करते हुए व्यापारी की संपत्ति कुर्क कर किसानो का भुगतान किया गया ! यह केंद्र सरकार के कृषि क़ानूनों की वजह से संभव हो पाया अगर यह कानून ना बना होता तो व्यापारी पैसा डकार जाता और किसानों को पैसा ना मिल पता है !
Madhya Pradesh: Case registered under new Farm laws against a trader, who ran away without paying farmers in Bhitarwar, Gwalior after buying paddy from them.
— ANI (@ANI) December 23, 2020
Gwalior administration says trader's house has been auctioned to pay the farmers & his fields will be auctioned soon. pic.twitter.com/rxg5cM7Jcb
ग्वालियर के कलेक्टर ने एएनआई को बताया कि एक व्यापारी ने किसानों से धान ख़रीद था परन्तु पैसे नहीं दे रहा था ! इसके बाद नए कृषि क़ानूनों के तहत व्यापारी की संपत्ति कुर्क करके किसानों को भुगतान किया गया है ! ऐसे ही महाराष्ट्र के धुले जिले का किसान ‘जीतेन्द्र भोइजी’ को भी मध्यप्रदेश का व्यापारी मक्का का पैसा नहीं दे रहा था जिसपर केस दर्ज कराने के बाद किसान को पैसे मिल गए थे ! ऐसे बहुत से किसानों को केंद्र सरकार द्वारा लाये गए कृषि क़ानूनों का फायदा होता दिख रहा है ! [1]
न्यूज़ पत्रकार ‘संजुक्ता बसु’ बता रही इसको झूठ
मध्यप्रदेश के ग्वालियर में किसानों को फायदा मिलने को ऑफ़िस में बैठी ट्विट्टर रिपोर्टर ‘संजुक्ता बसु’ ने बताया इसको झूठ ! संजुक्ता ने एएनआई की रिपोर्ट पर पहले सवाल उठाते हुए कहा कि “कहाँ का केस ? कौन से कानून ? नए कृषि क़ानूनों के तहत नागरिक या अपराधिक न्यायलयो का क्षेत्राधिकार नहीं है ! केवल डीएम, एसडीएम ही शिकायत की सुनवाई करेंगे ! यह अधूरा शीर्षक क्या है ?” उसके थोड़ी देर बाद फिर उन्होंने वैसे ही जैसे अन्य उदारवादी की तरह एनडीटीवी, दा वायर आदि का रिपोर्ट शेयर करते लिखा कि “फर्जी स्टोरी, यहाँ है पूरी स्टोरी !”
असल इन तथाकथित उदारवादी पत्रकार हमेशा की तरफ जो सरकार के पक्ष में जो रिपोर्ट होती उसको फेंक न्यूज़ बोल देते ! जबकि सच्चाई यह है कि संजुक्ता बसु जिस एनडीटीवी की रिपोर्ट शेयर कर झूठ साबित करने में लगी वह ग्वालियर की नहीं बल्कि होशंगाबाद के पिपरिया गाँव की जो करीब 503 किलोमीटर दूर है ! जिसके बाद कई यूज़र ने ही इनकी पोल खोलकर रख दी ! कुछ युजरो ने लिखा कि
- शैलेन्द्र सिंह : कृपया राहुल गाँधी के साथ प्रतिस्पर्धा करने की कोशिश न करे ! क्या आप भी जानते है कि ग्वालियर और होशंगाबाद 500 किमी से दूर है !
- विन्ग्द ब्लेड ऑफ गोद्रिस : आंटी जी ग्वालियर और होशंगाबाद दो अलग एमपी के जिले है ! तुम्हारी स्टोरी होशंगाबाद की है और किस्सा ग्वालियर है !
- पिंकू : हँसते हुए, फर्जी स्टोरी. एनडीटीवी सच्ची स्टोरी देता है, किसने कहा, कथाकथित ग़ुलाम वामपंथी (मकैउलाय के बायोलोजिकल नसल !
- अनिल यादव : फर्जी न्यूज़ – न्यूज़ पा पूरा वीडियो एंकर की बात कर रहा था ! उसने दावा किया कि उसका रिपोर्टर किसानों के साथ मिला था, फिर उन किसानों का वीडियो एसडीएम कार्यालय में दर्ज होने का दावा नहीं किया ! पुरे वीडियो में एक भी किसान नहीं ! सिर्फ एक एंकर की बात ! एनडीटीवी एक फेंक न्यूज़ फ़ैक्टरी !
आपको बता दे, संजुक्ता बसु ‘दा वायर’, ‘हफ्फ़पोस्ट इंडिया’ और ‘नेशनल हेराल्ड’ जैसे प्रोपगंडा चलाने वाले न्यूज़ पोर्टल के साथ काम करती जिसमे से एक ‘हफ्फ़पोस्ट’ भारत में पिछले महीने बंद हो चुका है !
संदर्भ
[1] मध्यप्रदेश के किसानों को फायदा