NDTV And AmarUjala Pumped Fake News
एनडीटीवी ने चलाई फर्जी न्यूज़
दिनांक 09 Dec 2020 को एनडीटीवी न्यूज़ चैनल ने वैक्सीन को लेकर न्यूज़ जारी कि जिसमे एनडीटीवी ने “सूत्रों के हवाले” से दावा किया दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन बनाने वाली कंपनी ‘सीरम इंस्टीट्यूट’ और ‘भारत बायोटेक’ ने आपातकालीन इस्तेमाल के लिए आवेदन किया था जिसको भारत सरकार ने नकार दिया है ! इस रिपोर्ट में यह भी दावा किया कि दोनों कंपनियों द्वारा अपर्याप्त आंकड़ों के कारण दोनों प्रस्तावों को मंज़ूर नहीं किया गया है ! [1]
#FAKENEWS
— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) December 9, 2020
The news running on @ndtvindia is Fake News. pic.twitter.com/VZv7uwW5z7
इस खबर स्वास्थ्य मंत्रालय को पता लगते ही, मंत्रालय ने एनडीटीवी को टेग करते हुए सिरे से नकार दिया है ! पीआईबी (प्रेस ब्यूरो) ने अपने आधिकारिक अकाउंट से एनडीटीवी की ख़ारिज करने वाली खबर को फर्जी खबर घोषित कर दिया और कहा गया कि एनडीटीवी द्वारा चलाई जा रही न्यूज़ पूरी तरह से फर्जी है ! ऐसे मीडिया चैनल हमेशा सूत्रों की बात करते है जबकि सूत्र का आजतक नहीं पता चला है ! सूत्र लिखा का मतलब ही एक फर्जी न्यूज़ को जन्म देना है ! एनडीटीवी यह पहली बार नहीं इसके पहले तनिष्क को लेकर भी एनडीटीवी ने फर्जी खबर “सूत्रों के हवाले” देते हुए चलाई थी !
अमरउजाला की यूपीआई पर खबर भी फर्जी
दिनांक 06 Dec 2020 को अमरउजाला सहित कई मीडिया चैनल ने यूपीआई को लेकर एक खबर चलाई जिसमे एनपीसीआई का सूत्र बताकर कहा गया कि एक जनवरी 2021 से यूपीआई किया ट्रांजैक्शन महंगा होने वाला साथ ही थर्ड पार्टी ऐप्स से पेमेंट करने पर अतरिक्त चार्ज लगेंगे ! इसमे यह भी कहा गया कि निजी क्षेत्र (गूगल पे, फोन पे जैसे) ऐप्स से पेमेंट करने पर एक्स्ट्रा चार्ज देना पड़ेगा ! [2]
दावा : एक #खबर में दावा किया जा रहा है कि नए साल से यूपीआई ट्रांज़ैक्शन महंगे हो जाएंगे व थर्ड पार्टी एप्स से पेमेंट करने पर अतिरिक्त चार्ज लगेंगे। #PIBFactCheck : यह दावा गलत है। @NPCI_NPCI ने ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है।
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) December 9, 2020
यहाँ पढ़ें :https://t.co/w7qCPAGSZE pic.twitter.com/UAgddBTjPP
दिनांक 08 Dec 2020 को एनपीसीआई को खबर का पता चलते ही, प्रेस ब्यूरो (पीआईबी) और एनपीसीआई ने इस खबर को फर्जी बताया जिसमे कहा गया कि यूपीआई ट्रांजैक्सन फ़ीस नए साल में बढ़ जायेगी और ग्राहकों को लगेगा झटका ! असल में जिस रिपोर्ट की बात पर न्यूज़ चलाई जा रही उसमे थर्ड पार्टी ऐप्स को लेकर बात तो की गई लेकिन उसमे चार्ज को लेकर कोई बार नहीं हुई जबकि उसमे कुल 2 मिलियन प्रति महीना ट्रांजैक्शन (नंबर में) का 30% की बात हुई ! यूपीआई पर ऐसा “अतिरिक्त चार्ज” पर कोई फैसला नहीं लिया गया है !
एक खास बात यह भी कि अमरउजाला की खबर झूठ साबित होते ही अमरउजाला ने अपने शीर्षक “नए साल मे महेंगे हो जायेंगे यूपीआई ट्रांजैक्शन, थर्ड पार्टी एप्स से पेमेंट पर लगेगा अतरिक्त चार्ग” को बदलकर “क्या नए साल में महंगा हो जायेगा यूपीआई ट्रांजैक्शन, अन्य एप्स से भुगतान पर लगेगा अतरिक्त चार्ज” कर दिया है ! जिससे भविष्य में भ्रम की स्थिति पैदा की जा सके !
संदर्भ