Farmer Groups Supported Farmer Bills
उत्तराखंड के किसान संगठनों ने दिया समर्थन
दिनांक 13 Dec 2020 को उत्तराखंड के कुछ किसान संगठनों के प्रतिनिधिमंडल ने इस कानून का समर्थन करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री “नरेन्द्र सिंह तोमर” से मिले जिसमे उन संगठनों के प्रतिनिधियों ने तीनों नए कृषि क़ानूनों को किसान हितैषी बता कर इसको पूर्ण समर्थन दिया ! संगठनों के प्रतिनिधियों ने यह भी कहा कि विपक्ष दल आन्दोलन की आड़ में अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेक रहा है साथ में तीनों क़ानूनों को वापस ना लेने को कहा ! संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहाँ कि अगर विपक्ष भ्रम फैला रहा है और अगर यह ऐसे आन्दोलन करेंगे तो हम क़ानूनों के समर्थन में आन्दोलन करेंगे ! इसपर कृषि मंत्री तोमर ने उनका धन्यवाद दिया ! [1]
आज केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर से उनके दिल्ली स्थित निवास पर उत्तराखंड से आए किसानों व जनप्रतिनिधियों ने मुलाकात की तथा भारत सरकार के द्वारा पारित नए कृषि अधिनियमों का समर्थन किया।#AatmaNirbharKrishi #FarmActs2020@nstomar @PRupala @KailashBaytu pic.twitter.com/L11EDfCawl
— Agriculture INDIA (@AgriGoI) December 13, 2020
29 हरियाणा किसान संगठनों का समर्थन
दिनांक 12 Dec 2020 को भी हरियाणा के 29 किसान नेताओं के एक समूह ने कृषि मंत्री तोमर से मुलाकात की और नए कृषि क़ानूनों का समर्थन करते हुए “समर्थन पत्र” दिया ! हरियाणा के “भारतीय किसान यूनियन (मान) के नेता “गुनी प्रकाश” के नेतृत्व में प्रतिनिधिमण्डल ने कहा कि अगर सरकार क़ानूनों को रद्द कर देती तो हम भी विरोध करेंगे और हमने सभी जिलों को एक ज्ञापन दिया है ! उन्होंने आगे कहा कि यह विरोध प्रदर्शन वामपंथी दलों और हिंसक लोगो द्वारा किया जा रहा जिसने राजनीतिक रंग ले लिया है ! [2]
आज कृषि भवन, नई दिल्ली में अनेक किसानों व संगठन-प्रतिनिधियों ने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिलकर उन्हें कृषि सुधारों के लिए धन्यवाद दिया और नए कृषि कानून निरस्त नहीं करने की मांग की। pic.twitter.com/Zqo2tnYcnS
— Agriculture INDIA (@AgriGoI) December 12, 2020
और 20 हरियाणा किसान संगठनों ने समर्थन दिया
दिनांक 07 Dec 2020 को हरियाणा के 20 किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने कृषिमंत्री तोमर से मुलाकात कर तीनों क़ानूनों का समर्थन किया था ! पद्म श्री कमल सिंह, भारतीय किसान यूनियन (अटेर) के एक राष्ट्रीय अध्यक्ष “अत्तर सिंह” सहित कई यूनियन के नेताओ ने कृषिमंत्री से मुलकात की थी ! उन्होंने ने सरकार का तीनों बिल पर समर्थन किया और उसे रद्द नहीं करने की माँग की थी ! [3] किसान कानूनों के खिलाफ 30 किसान संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था जबकि देश में 5000 से ज्यादा किसान संगठन मौजूद है !
प्रधानमंत्री@narendramodi के नेतृत्व में कैबिनेट ने किसानों की उस मांग को पूरा किया है जो 27 साल पहले बाबा टिकैत में 1993 में तब के प्रधानमंत्री पी वी नरसिंह राव के समक्ष उठाया था। अब किसान अपनी उपज को देश में कही भी बेच सकेंगे। @drsanjeevbalyan ,@PMOIndia @myogiadityanath pic.twitter.com/z76xMGkXQ4
— Arvind Bhardwaj (@arvindb1964) June 5, 2020
पिता महेंद्र ने की थी मांग लेकिन बेटा राकेश कर रहा विरोध
दिनांक 13 Dec 2020, राजनीति में जो ना दिखे वो कम है ! एक न्यूज़ सामने आई जिसमे किसान आन्दोलन में शामिल एक नेता ‘राकेश टिकैत’ जो केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले है जबकि उनके पिता ‘महेंद्र टिकैत’ ने 27 साल पहले से जिन किसान कानूनों में सुधारों को लेकर माँग कर रहे वो उसके उलट है ! उत्तरप्रदेश के चौधरी ‘महेंद्र सिंह टिकैत’ ने ‘नरसिम्हा राव सरकार’ के साथ मुलाकात में किसानों को देश में कहीं भी अपने उत्पाद को बेचने की अनुमति मांगी थी लेकिन सरकार ने उस समय इस मांग को पूरा नहीं किया जिसके लिए ‘महेंद्र टिकैत’ ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था ! सन 2011 में महेंद्र टिकैत का निधन हो गया था ! पिता की लड़ाई के खिलाफ पुत्र, उसी माँग के पूरी होने पर सरकार के खिलाफ खड़ा ! राकेश टिकैत के आम आदमी पार्टी के मुखिया के साथ नज़दीकी संबंध है ! [4]
संदर्भ
[1] उत्तराखंड किसानों के प्रतिनिधि
[2] हरियाणा किसानों के साथ मीटिंग