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Jul 8, 2020

'दा वायर' बीजेपी सरकार के खिलाफ क्यों - पूरी जानकारी

The Wire Playing a Anti Hindu Anti Army And Anti Govt Propaganda 




The Wire Have Political Agenda Why
Founder M K Venu, Founder Siddharth Varadarajan (Both r Formal Editor The Hindu) & Founder Sidharth Bhatia
(Photo Credit : Twitter)

➨ 
‘दा वायर’ दावा कर रहा की NCPCR मे आठ गुना सिकायत बढ़ी

दिनांक 10 Jun 2020 को ‘दा वायर’ ने एक आर्टिकल लिखा जिसका शीर्षक था “कोरोना (चीनी वायरस) तालाबंदी पाठ और नई शिक्षा नीति पर पुनः विचार करने की आवश्यकता !
इस लेख के 7th पैराग्राफ मे ये बताने की कोशिश की गई की “राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने देखा की लाकडाउन के पहले इन सिकयातो मे भारी गिरावट देखी गई थी वही दूसरी तरफ लाकडाउन (मार्च २०२०) के बाद इसमे आठ गुना बढोतरी हुई है !” 


10 Jun 2020 Article By The Wire
The Wire Article Dt Mar 2020 Paragraph 7th


दिनांक 07 Jul 2020 को किसी ने प्रेस ब्यूरो ऑफ इंडिया PIB से सिकायत करके पूछा गया उसका जवाब देते हुए ट्विट्टर मे एक ट्वीट के जरिये बताया की 
दावा : ‘डा वायर’ रिपोर्ट बताती की NCPCR ने सिकयातो के बाद होने वाले प्रकोप मे आठ गुना वृद्धि देखी है !
NCPCR गलत सुचना प्रकाशित होने के कारण इसका खंडन किया है ! गलत तथ्यों के हवाले से भ्रामक रिपोर्ट से सावधान रहे !” 



PIB Confirmed the Wire NEws Fake NEws
#PIB India Confirmed That The Wire Article Para 7th A Fake News
(Photo Credit : Twitter)


 ‘दा वायर’ मे ये एकतरफा गलत लिखने की बीमारी क्यों है पूरी जानकारी

‘दा वायर’ कैसे शुरू हुआ
‘दा हिंदू’ के पूर्व संपादक ‘सिद्धार्थ वरदराजन’, ‘डीइनए’ सिद्धार्थ भाटिया और ‘दा हिंदू’ ‘फाइनेंशियल एक्सप्रेस’ के पूर्व संपादक ‘एम के वेणुये तीन ‘दा वायर’ के संस्थापक सदस्य है ! इस प्लेटफोर्म को खासकर इन्टरनेट आधारित मीडिया प्लेटफोर्म के लिए बनाया गया था ! बाद मे ‘दा वायर’ ने समाचार सामग्री के लिए डिजिटल प्रकाशित ‘प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया PTI’ और ‘इंडो एशियन न्यूज सर्विस  IANS’ से करार किया था ! सबसे खास बात ये एक अमेरिकन है जो अपनी पढाई के समय वाम-सक्रियता के साथ जुड़े हुए थे ! 


The Wire Siddharth Short Details
The Wire Founder 'Siddharth Varadarajan' 
(Photo Credit : Wiki)


‘दा वायर’ का लक्ष्य
जैसा की ‘दा वायर’ के संस्थापक बताते है की ये मुख्य रूप से राजनीती, अर्थव्यवस्था, संस्कृति और बाहरी मामलो पर आधारित होगा ! लेकिन ये सत्य मे दिखाई नहीं देता ! इसकी वेबसाइट पर जो अन्य किसी वेबसाइट पर एक वर्ग खासकर दिया हैसाप्रदायिकताका जो सिद्ध करता है की ये देश को बाटने की राजनीती करते है !  


The Wire Category Communalism
The Wire Special Category 'Communalism' No Other Media Network Have
(Website Screenshot)


‘दा वायर’ के संस्थापक द्वारा लिखे कुछ लेख
इसमे आपको दिखाई देगा की सिद्धार्थ जो लेख लिखे वो मोदी सरकार पर लक्ष्य साधकर लिखे गए है ! इसके कुछ प्रमाण यहाँ देखे !

१- दिनांक 30 May 2020 : मोदी २.० के पहले वर्ष के अंत के रूप मे, यह स्पष्ट है की लोकतंत्र को छोड दिया गया है !
२- दिनांक 26 May 2020 : देखो ! पुलिस ने ‘भीमा कोरेगांव माडल’ का इस्तेमाल सीएए विरोधी आन्दोलन को निशाना बनाने के लिए किया गया ! 
३- दिनांक 18 Mar 2020 : संसद के रूप मे गोगोई : ‘न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर एक महान सावर्जनिक का मामला’ ! गोगोई को राज्यसभा के लिए नामिक करने का मोदी सरकार का निर्णय एक घोटाला है क्युकी सीजेआई के रूप मे, उन्होंने अध्यक्षता की - या बेंचों को आवंटित किया जो उन्होंने चुना - प्रमुख राजनीतिक मामले जिनमें सरकार एक पार्टी थी।
४- दिनांक 27 Feb 2020 : नरेन्द्र मोदी की लापरवाह राजनीती नई दिल्ली मे भीड़ पर नियम लाती है !
५- दिनांक 19 Jan 2020 : कश्मीर मे मोदी का सोच कण्ट्रोल फायरवाल भारत मे इन्टरनेट का भविष्य बन सकता है !
६- दिनांक 09 Jan 2020 : अमित शाह और नरेन्द्र मोदी को बताने का समय आ गया है, ‘हम सब जेएनयू’ !
 
The Wire Targeting Modi Government
The Wire Founder Targeting Modi Government Specially
(Screenshot Of Website)


‘दा वायर’ के सिद्धार्थ वरदराजन के ऊपर कुछ बिंदु
१- वैध बिंदु : आप संपादक होते हुए आपको सरकार की नीतियों के ऊपर वैध बिन्दुओ के साथ लिखना आपका अधिकार है लेकिन इसका मतलब ये नहीं बिना वैध बिन्दुओ के सिर्फ और सिर्फ आरएसएस को बीच मे लाना, निजी हमला करते रहे ! कोई भी सरकार की पूरी १००% गलत नीति नहीं होती लेकिन आपकी संपादकीय दिखाती है की ये सरकार की हर नीति इनको गलत लगती है ! ये हमेशा निष्क्रीयता दिखाते है ! इन पत्रकारों की यूपी और बिहार मे क्या पकड़ है जो ये इन प्रदेश मे बिना जाये, दिल्ली, मुंबई मे बैठकर आर्टिकल लिखा करते है ! 
 
The Wire Targeting RSS With BJP
The Wire Targeting RSS With BJP
(Screenshot Of Website)


2- साम्प्रदायिकता : इनके पुरे वेबसाइट मे एक अनुभाग ‘साम्प्रदायिकता’ है ! इस भाग मे देश मे कहीं भी साम्प्रदायिक तनाव है तो उसको उजागर करना चाहिए लेकिन इनके इस अनुभाग मे सिर्फ और सिर्फ हिंदू दक्षिणपंथी को टारगेट करना है और पुरे तनाव को सरकार पर फोडना ! दिलचस्प बात है की मुझे इन मुद्दों पर एक भी जगह आज तक एक भी लेख नहीं मिला !
  • बंगाल मे हिन्दुओ के खिलाफ ‘ईद-ए-मिलाद ट्रिगर दंगा
  • 1990 कश्मीर पंडित : जिसमे लाखो हिन्दुओ को मुस्लिम कट्टरवादियो ने महिलाओ की इज्जत लुटी, घर लूटे और मार दिया !
  • 2016 धुलागढ़ दंगे : जिसमे मुस्लिम दंगइयो ने हिन्दुओ की दुकाने लुटी और जलाई थी !

३- व्यवसाय : असल मे सिद्धार्थ पहले ‘दा हिंदूमे एडिटर थे जो एक वामपंथी (कमुनिस्ट) विचारधारा से है ! वामपंथी विचारधारा जो किसी भी चीज का विरोध करने मे विश्वास रखता है फिर चाहे देश की सेना का हो या देश का हो या चाहे प्रकृति मे सही हो ! वामपंथी विचारधारा हमेशा से हिंदू दक्षिणपंथी के खिलाफ रही है और चाहती है उनकी आवाज दबी जाये ! 


४- भूत मे पंगा : सिद्धार्थ दा वायरने बहुत से मामले मे इनके ऊपर केस चल रहे है या खत्म हो चुके है ! उसमे से निन्मलिखित है ! हो सकता ‘सिद्धार्थद्वारा मोदी सरकार, बीजेपी और आरएसएस को जोड़कर बदनाम करने के पीछे ये पॉइंट भी हो सकता !
  • जय शाह (गृहमंत्री अमित शाह का लड़का) और दा वायर के सिद्धार्थ ने जय शाह के ऊपर आरोप लगाये की उनकी संपत्ति को लेकर जिसको जय शाह ने कोर्ट मे मानहानी का केस दायर कर दिया ! बाद मे सिद्धार्थ ने इसको रद्द करने की अपील की जिसको सुप्रीम कोर्ट ने मानहानी केस मे दा वायर को झटका दिया !
  • राजीव चंद्रशेखर (बीजेपी के राज्यसभा के सदस्य) उन आरोप लगाये तो उन्हों ने भी दा वायर पर मानहानी केस कर दिया ! फिर कोर्ट मे केस हार गए लेकिन बाद मे इसको दूसरी कोर्ट मे चैलेंज किया गया !
  • सिद्धार्थ भाटिया के ऊपर कई महिलाओ ने यौन उत्पीडन का आरोप लगाया था !
  • अदानी पावर को बदनाम करने के लिए मानहानी केस किया था !
  • रिलायंस द्वारा ६००० करोड़ का मानहानी केस जो राफेल को लेकर बदनाम करने के लिए !
  • अप्रैल २०२० मे दा वायर ने योगी सरकार के खिलाफ गलत सुचना फैलाई जिसको लेके राज्य सरकार ने सिद्धार्थ के खिलाफ IPC धारा 505(2), 188 और  IT धारा 66D के तहत FIR  दर्ज करदी ! 




आखरी मे यह सब पढकर आपको भी पता चल जायेगा क्यों ‘दा वायर’ और उनके संपादक सरकार के खिलाफ या देश के खिलाफ सवाल करते है ! मेरे अपने नजर मे वामपंथी विचारधारा की तरफ झुका होने से हिन्दुवादी छवि वाली सरकारों से चिड  है !



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