Why & Who Slapped Nehru By Words ( Year 1902 – 1948 )
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Major General Nathu Singh Rathore |
➨ क्यों मारा था और कब
सन 1946-1947 के आस पास, जब स्वतंत्रता के समय संविधान लिखा जा रहा था और सरकार भी भारत की थी ! उस समय देश की रक्षा नीति बनाने की भी तैयारी चल रही थी ! देश मे कई सरकार के सदस्य भारत के सर्वश्रेष्ठ कमांडर चुनना चाहते थे लेकिन दिनांक 15 Aug 1947 को नेहरु ने बिना किसी से सलाह लिए ब्रिटेन के जनरल ‘रोब लोंकहार्ट’ को सेना प्रमुख नियुक्त किया जिसको लेकर ज्यादातर सेनानियों की राय इससे उलट थी ! वो सब जान कर हैरान हो गए की २०० साल की आजादी की लड़ाई के बाद भी सेना का प्रमुख ब्रिटिश व्यक्ति ! उनकी इस हरकत से सेना के बहुत से जनरल मे गुस्सा था !
दिनांक 15 Aug 1947 को ही भारत के रक्षामंत्री श्री बलदेव सिंह को बनाया गया था !
एक दिन पीएम नेहरु के साथ एक कमरे मे ,मेजर ‘लोंकहार्ट’ ने अपनी कई रक्षा नीतियों का प्रस्ताव रखा और उसे समझाया ! मेजर ‘लोंकहार्ट’ थोड़ी ही देर मे नेहरु के कमरे से बाहर चले गए और सीधे जनरल ‘ए ए जिक रूद्र’ से मिले ! जनरल ‘ए ए जिक रूद्र’ उनको हाल देखकर पूछा क्या हुआ तो उन्हों ने बताया की “पीएम ने मेरे रक्षा पेपर को देखा और उसका टॉप उड़ा दिया ! बकवास ! कुल बकवास ! हमें रक्षा योजना की जरुरत नहीं है ! हमारी नीति अहिंसा है ! हम कोई सैन्य खतरा नहीं मानते है ! सेना को तितर वितर करो !”
ठीक एक साल बाद कश्मीर संकट खड़ा हो गया ! जनरल ‘लोंकहार्ट’ अपने विचार का आदान प्रदान पाकिस्तान के जनरल ‘डगलस ग्रेसी’ के साथ करते थे ! पाकिस्तान की तरफ से सीमा पर कई घुसपैठे हुई और कोई करवाई नहीं होती थी लेकिन मेजर ‘करियप्पा’ ने अपने साहसिक फैसले से भारतीय सेना और कश्मीर को बचा लिया ! इसके बाद सरकार के कई लोगो ने जनरल ‘लोंकहार्ट’ के कार्यशैली पर सवाल उठने चालू हुए ! नेहरु ने अपने जनरल ‘लोंकहार्ट’ से पूछा की “क्या उन्हें कश्मीर मे संकट के बारे मे पता है और क्या उपाए किये गए थे !”
जनरल ‘लोंकहार्ट’ ने जवाब दिया की “अगस्ता पीएम अगर आपको मुझसे वह सवाल पूछना है तो मेरा कोई काम नहीं है, जो आपकी सेनाओ का कमांडर-इन’चीएफ़ है ! मुझे पता है की कुछ ही दिनों मे बम्बई छोडकर ब्रिटिश अधिकारियो और उनके परिवारों को इंग्लेंड ले जाने वाली एक नाव है ! मै जल्द ही भारत छोड़ने जाऊंगा !”
दिनांक 01 Oct 1948 को भारत मे इस पद से इस्तीफा दे दिया !
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British General Rob Lockhart (Photo Credit : NationalPortraitGaller) |
उसके दूसरे दिन पीएम नेहरु ने आपातकालीन बैठक बुलाया नए सेना प्रमुख का चयन करने के लिए जिसमे बहुत से सेना अधिकारी और रक्षा मंत्री बलदेव सिंह शामिल हुए ! कुछ सेना अधिकारी जैसे मेजर जनरल ‘नाथू सिंह राठोर’, मेजर जनरल ‘करियप्पा’ (जो सबसे योग्य थे) भी शामिल थे ! बैठक मे नेहरु ने कहा की “हमें एक नई सेना चीएफ़ की नियुक्ति करनी चाहिए, क्युकी जनरल ‘लोंकहार्ट’ ने इस्तीफा दे दिया है ! मै समझता हूँ की ब्रिटिश मैन को आर्मी चीएफ़ नियुक्त करना बेहतर है क्युकी हमारे देश मे सक्षम और अनुभवी आर्मी मैन नहीं है !”
बैठक मे सभी लोग शांत थे और अपमानित महसूस कर रहे थे ! लेकिन तुरंत रक्षामंत्री बलदेव सिंह (जो नेहरु का यस मैन) नेहरु का समर्थन करते हुवे कहा की “हाँ हमारे पास कोई भी योग्य आर्मी मैन नहीं है !” लेकिन एक भारतीय अधिकारी मेजर जनरल ‘नाथू सिंह राठोर’ खड़े हुवे और कहा “सर, मेरे पास एक बिंदु है ! आप देखे हमारे पास एक राष्ट्र का नेतृत्व करने के लिए पर्याप्त अनुभव वाला आदमी नहीं है इसलिए क्या हमें ब्रिटेन से किसी को भारत का पहला प्रधानमंत्री नियुक्त नहीं करता चाहिए ?” अचानक पुरे कमरे मे बिलकुल शांति हो गई थी !
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First Army Chief Cariappa (Photo Credit : Google) |
पीएम नेहरु ने कहा की “क्या आप कह रहे है की आप भारतीय सेना के पहले जनरल बन्ने के लिए तैयार है ?” इसका जवाब देते हुए जनरल राठोर ने कहा की “सर मुझे क्यों ?? हमारे पास एक बहुत ही योग्य सेना अधिकारी है, मेरे वरिष्ठ लेफ्टिनेट जनरल करियप्पा, जो हमारे बीच सबसे योग्य है, क्या हमें अपने देश की रक्षा करने के लिए जनरल करियप्पा से बेहतर व्यक्ति की आवश्यकता है ? आप कैसे कह सकते है की हमारे देश सक्षम नेता नहीं ?"
सबूत : रोब लोंकहार्ट के बारे मे
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Nehru's Right : Defence Minister Baldev Singh, Nehru Left : Kodandera Madappa Cariappa (Photo Credit : Google) |
➨ कौन था वो मेजर जनरल राठौर
मेजर जनरल ‘नाथू सिंह राठौर’ का जन्म 22 Apr 1902 को गुमानपुरा, डूंगरपुर राजस्थान मे हुआ था ! मेजर राठोर ने ब्रिटिश आर्मी मे सन 1922 से सन 1947 तक निष्ठा से अपने कर्म किये और उसके भारत आजाद हो गया ! उस समय भी मेजर साहेब ने भारतीय आर्मी को सन 1947 से सन 1954 तक अपनी सेवा दी ! मेजर जनरल ने ‘रोयल मिलिट्री अकेडमी, सेंडहर्स्ट’ से स्नातक करने वाले दूसरे भारतीय अधिकारी थे जो तीन सितारा जनरल बन गए थे ! सन 1925 मे उन्हें राजपूत रेजिमेंट मे कमीशन दिया गया जिन्हों ने अफगानिस्तान और दक्कन सहित कई स्थानों पर सेवा दी ! ‘स्टाफ कॉलेज काम्बेरले’ मे रणनीति मे एक रिकॉर्ड 1000 मे से 935 रन बनाये थे ! उन्हों ने द्वितीय विश्व युद्ध मे बर्मा मे डिविजन कमांडर थे ! जैसे की ऊपर अपने देखा नेहरु ने इनको ‘कमांडर-इन-चीएफ़’ के लिए ऑफर दिया लेकिन उन्हों ने मना करते हुए जनरल ‘केएम करियप्पा’ जी का नाम आगे बढ़ा दिया !
Cariappa (left) shakes hands with (then) Indian Prime Minister Jawaharlal Nehru. (Photo Credit : ReadersDigest) |
➨ प्रधानमंत्री नेहरु करना क्या चाहते थे
सवाल १: नेहरु सेना को खत्म क्यों करना चाहते थे ?
सवाल २: क्या नेहरु को भारत के ही सेना पर भरोषा नहीं था ?
सवाल ३: क्या नेहरु ब्रिटिश के एजेंट थे ?
सवाल ४: मेजर जनरल नाथू सिंह राठोर ने मारा सब्दो का कंटाप ! नेहरु आजादी के बाद भी सेना का प्रमुख ब्रिटिश को ही क्यों बनाना चाहते थे ?
सवाल २: क्या नेहरु को भारत के ही सेना पर भरोषा नहीं था ?
सवाल ३: क्या नेहरु ब्रिटिश के एजेंट थे ?
सवाल ४: मेजर जनरल नाथू सिंह राठोर ने मारा सब्दो का कंटाप ! नेहरु आजादी के बाद भी सेना का प्रमुख ब्रिटिश को ही क्यों बनाना चाहते थे ?