Attacking Right Thinker Not Only In India Whole democratic countries have these problems
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The editor and columnist Bari Weiss, who resigned from The Times after three years at the paper (Photo Credit : Twitter) |
➨ पूरी दुनिया मे भारत की तरफ लेफ्टिस्ट से परेशान है
१- न्यूयार्क टाइम्स मे एक ओ-एड लेखक का इस्तीफा
दिनांक 14 Jul 2020, अमेरिका का चर्चित अखबार ‘न्यूयार्क्स टाइम्स’ की एक संपादक और स्तंभकार ‘बारी बीस’ ने अचानक इस्तीफा दे दिया है और एक ऑनलाइन पोस्ट १५०० शब्दों का पत्र भी सामने आया है ! जिसमे बताया गया की कैसे बदमाशी और अवैध वातावरण है वहां ! उस पत्र मे ‘बारी बीस’ ने वहां के शत्रुतापूर्ण कार्य वातावरण का जिक्र करते हुए टाइम्स के कर्मचारियों और कंपनी के नेतृत्व की एक गहरी आलोचना की पेशकश की, जहाँ सहकर्मियों ने उनका अपमान किया था या ट्विट्टर पर उन्हें हटाने के लिए बुलाया था ! मुझे यह समझ नहीं आता है की अपने अपनी कंपनी के अंदर इस तरह के व्यवहार को कागज के पुरे स्टाफ और जनता के लिए किस तरह से देखा है ! ट्विटर ‘दा न्यूयार्क टाइम्स’ का अंतिम संपादक बन गया था !
‘न्यूयार्क टाइम्स’ के प्रकाशक ‘आर्थर सुलजबर्गर’ ने टिप्पणी देने से इंकार कर दिया है !
‘न्यूयार्क टाइम्स’ के प्रवक्ता ‘एइलीन मर्फी’ ने कहा की “हम सहकर्मियों के बीच इमानदारी, खोज और सहानिभूतिपूर्ण संवाद के वातावरण को बढावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, जहाँ सभी के लिए आपसी सम्मान आवश्यक है !”
‘न्यूयार्क टाइम्स’ के अन्य कर्मचारी ने कहा की “ज्यादातर युवा और उदारवासियो (४०+) के बीच ‘सिविल वार’ चल रही है ! "
‘बारी बीस’ ने सन 2017 मे न्यूयार्क टाइम्स की ओ-एड स्टाफ एडिटर और लेखक के रूप मे काम चालू किया था और उसके पहले वो ‘दा वाल स्ट्रीट जनरल’ काम कर चुकी है ! ‘बारी बीस’ ने टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया, उन्हें सामाजिक न्याय आंदोलनों के उन पहलुओं पर सवाल उठाने के लिए जाना जाता है जिन्होंने हाल के वर्षों में जड़ें जमा ली हैं। वह एक महिला के आलोचक थे, जिन्होंने हास्य अभिनेता अजीज अंसारी के साथ एक असहज मुठभेड़ का वर्णन किया और सवाल किया कि क्या सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति ब्रेट कवानुआघ के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप उन्हें पद से अयोग्य घोषित करते हैं !
सबूत : न्यूयार्क्स टाइम्स की न्यूज
निष्कर्ष : 'बारी बीस’ एक रुढिवादी नहीं है इससे बहुत दूर है और उन्हों ने अभी भी उनके जीवन को असहनीय बना दिया क्युकी उसने वामपंथी रुदिवादी पहलुओ को चुनौती दी थी !
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Left : Sheela Bhatt, Center: Shekhar Gupta & Right : A K Bhattacharya (Photo Credit : The Print) |
२- एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के से सदस्य का इस्तीफा
दिनांक 21 Apr 2020, भारत मे ‘एडिटर्स गिल्ड’ से एक सदस्य ‘अर्नब गोस्वामी’ ने इस्तीफा दे दिया था ! अर्नब ने कहा की “मै लंबे समय से एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया का सदस्य हूँ ! इसके संपादकीय नैतिकता के साथ पूर्ण समझौता करने के लिए मै एडिटर गिल्ड ऑफ इंडिया से लाइव टेलीविजन पर इस्तीफा देता हूँ !”
उन्हों ने लाइव टीवी शो मे भी कहा की “शेखर गुप्ता ने संघठन को ‘हैश-बीन्स के समूह’ के रूप मे चिन्हित किया और उस पर स्वयं-सेवी संस्था होने का आरोप लगाया और शेखर गुप्ता को पालघर के मामले पर चुप्पी साधने और भारतीय पत्रकारिता से समझौता कर लिया !” दिनांक 16 April 2020 को महाराष्ट्र की उद्धव सरकार के शासन मे पालघर मे कोरोना बंदी के समय दो हिंदू शाधुओ सहित तीन लोगो की क्रूर हत्या कर दी गई थी उसपर शेखर गुप्ता चुप था !
‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ एक संघठन है जिसे सन 1978 मे प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा और समाचार पत्रों और पत्रिकाओ के संपादकीय नेतृत्व के मानकों को बढावा के उद्देश्य से बनाया गया था ! इस संघठन मे उच्च पदो पर एक गिरोह का कब्ज़ा हो चूका है !
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Double Standard Shekhar Gupta (Photo Credit : TwitteR) |
अध्यक्ष : शेखर गुप्ता => इनका पत्रकारिता का जुकाव वामपंथी सोच की तरफ है ! ये जनाब ‘दा प्रिंट’ के मालिक के साथ ‘इंडियन एक्सप्रेस’ के प्रधान संपादक’ है ! इन्हों ने एनडीटीवी मे भी काम किया है ! २०१९ मे ‘अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकाप्टर’ घोटाले मे तीन पत्रकारों मे एक शेखर गुप्ता का नाम है ! सन २०१८ मे जब वामपंथी की गलत कारनामो की वजह से कुछ वामपंथी को गिरफ्तार किया गया तो शेखर गुप्ता ने लिखा की “वामपंथी कार्यकर्ताओ / बुद्धिजीवियों की गिरफ़्तारी मैकर्थिवाद को दूसरे स्तर पर ले जाती है !” लेकिन वही दूसरी तरफ कुछ हिन्दुओ कार्यकर्ताओ को पकड़ा जाता गया था तो इन्हों ने लिखा “गिरफ्तार हिंदुत्व कार्यकर्ताओ ने पुणे मे पश्चिमी संगीत कार्यक्रम को लांछित करने की साजिश रची !” एक ताराग हिन्दुओ को टारगेट दूसरी तरफ देश विरोधी लोगो को बुद्धिजीवी बता रहा !
सचिव : ए के भट्टाचार्य => एक लाइन मे बताऊ ये ‘दा प्रिंट’ जैसे ऑनलाइन न्यूज एजेसी मे लेखक है जो हमेशा से मोदी के खिलाफ लेख लिखते आये है !
Sheela Bhatt Telling Communists Anti National As a Activists (Photo Credit : TwitteR) |
कोषाध्यक्ष : शीला भट्ट => एक लाइन मे बताऊ तो हालिया मे एक ट्वीट से आप इनके बारे मे पहचान सकते है ! इन्हों ने ‘दा स्क्रोल’ का एक लिंक शेयर किया और कहा ( भीमा कोरेगांव केस के आरोपी और प्रधानमंत्री मोदी को मरने की साजिश रचने का आरोपी ) गौतम नवलखा और आनंद तेल्तुम्ब्दे को कार्यकर्ता बता रही और उनको शक्ति भट्ट बुक इनाम दिखा रही !