<b>नेपाल ओली सरकार की गलत नीतिया की वजह से दिक्कत बढ़ रही - कुछ अनसुलझे सवाल</b> - VerifiedNewz.us

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Jun 24, 2020

नेपाल ओली सरकार की गलत नीतिया की वजह से दिक्कत बढ़ रही - कुछ अनसुलझे सवाल

What Was Real Nepal Situation



Indian Ambassdor With Nepal Foreign Minister
Indian Ambassdor With Nepal Foreign Minister
(Photo Credit : Kathmandu Post)

 नेपाल की वामपंथी सरकार के गलत बयानी और एक्शन

 दिनांक 08 May 2020 :  भारत ने कैलाश मानसरोवर जाने वाले कच्चे रस्ते को जो पहले से इस्तेमाल की जा रही थी उसको पक्की रोड में में बदल दिया ! Click Here 
 दिनांक 09 May 2020 :  नेपाल की वामपंथी पार्टी ने कहा की यह एक विवादास्पक रोड है !
 दिनांक 10 May 2020 :  भारत ने कहा की सड़क खंड पूरी तरह से भारत के छेत्र में स्थित है ! Click Here 
 दिनांक 11 May 2020 :  नेपाल की वामपंथी पार्टी ने एम्बेसडर को नोट देते हुए कहा “नेपाल के लिपुलेख के रास्ते नेपाल के लिपुलेख के लिए भारत के 'उद्घाटन' पर गंभीर ध्यान आकर्षित किया गया है।Click Here 
 दिनांक 15 May 2020 :  भारतीय सेना प्रमुख ने एक वेब्सेमिनर (जिसे थिंक टेंक द्वारा किया गया था) में कहा “नेपाल ने भारत के रोडवर्क पर आपत्ति जताई किसी और के इसारे पर !” Click Here 
 दिनांक 20 May 2020 :  प्रधानमंत्री ओली के द्वारा कहा की “भारतीय वायरस को चीनी और इटेलियन वायरस से ज्यादा घातक दिखता है !Click Here 
 दिनांक 21 May 2020 :  नेपाल के राजदूत ने बताया की भारत के विदेश मंत्रालय को एक बैठक के लिए अनुरोध किया है लेकिन अभी तक कोई तारिक नहीं दी गई ! Click Here 
 दिनांक 25 May 2020 :  नेपाल प्रधानमंत्री का बयान “उचित जाँच के बिना सीमा पार से देश में आने वाले लोग वायरस के आगे प्रसार का कारण थे !Click Here 
नेपाल सेना चीएफ़ का बयान “लिपुलेख पर भारतीय सेना प्रमुख की टिप्पणी हमारे इतिहास का अपमान करती है !Click Here 
 दिनांक 12 Jun 2020 :  नेपाल पुलिस ने एक भारतीय (बिहार के) को गोली मार दी और दो अन्य को घायल कर दिया ! Click Here 
 दिनांक 13 Jun 2020 :  नेपाल पुलिस ने बिहार के एक भारतीय (लगन यादव) को पकड़ लिया और देर शाम छोड दिया ! Click Here 
 दिनांक 15 Jun 2020 :  सशस्त्र सीमा बल और भारतीय सीमा पुलिस ने बताया की सीमा के खम्बे जो सीमांकन का काम करते थे वो गायब थे और साथ में नेपाल सीमा पुलिस ने विवादित क्षेत्र के पास पांच नहीं चौकी स्थापित की है ! Click Here 
 दिनांक 08 Jun 2020 :  काठमांडू पोस्ट में छापे लेख में कुछ पूर्व नेपाली राजनायक ने बोला की “लिपुलेख वारंट में मौजूत सीमा विवाद ना केवल भारत के साथ बल्कि चाइना के साथ भी उठाना चाहिए ! प्रधानमंत्री ओली और मोदी के बीच फोन पर बात कई बार हुई !” एक एक्सपर्ट का कहना ये भी था जो सही है की “नेपाल को ओपचारिक रूप से अपनी आपत्ति दर्ज करनी चाहिए थी और फिर एक नया राजनीतिक मानचित्र जारी करना चाहिए था !Click Here 
 दिनांक 16 Jun 2020 :  भारत ने नेपाल से सचिव स्तर पर विडियो कांफेरेंस और फोन कॉल की पेशकस की थी ! जो एक विदेश मंत्रालय के सूत्र ने बताया ! ये जवाब तब आया जब नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली ने संसद में सवाल उठाया था की भारत ने वार्ता के लिए बैठने के लिए पेशकस क्यों नहीं ? असल में नेपाल के प्रधानमंत्री इसको छुपा रहे थे क्युकी उनके अपने कुछ हित थे चाइना को लेके ! Click Here 

Indian President With Honorary Rank Of Indian Army On Nepal Army Chief
Indian President With Nepal Army Chief ( Honorary Rank Of Indian Army Also )
(Photo Credit : EconomicTimes)

 दिनांक 17 Jun 2020 :  नेपाल के आर्मी चीएफ़ ने कालापानी का चक्कर लगाकर कहा की “नेपाली सेना कालापानी क्षेत्र के पास सेना की बैरकों और सीमा चौकियों का निर्माण शुरू करेगी !Click Here 
 दिनांक 18 Jun 2020 :  नेपाल ने नए नक़्शे को अपने संसद में पास कराकर उसे मंजूरी दे दी ! जिसको भारत ने तुरंत ख़ारिज कर दिया या अस्वीकार कर दिया ! नेपाल के कुछ तथाकतित मानवअधिकार ‘PeaseSocietyNepal’ वालो ने भारतीय दूतावास के बाहर विरोध जताया ! Click Here 
 दिनांक 19 Jun 2020 :  नेपाल सरकार ने भारत से लगी 15 सीमाओ पर चौकी पर सशस्त्र पुलिस की तैनाती शुरू करदी जिसमे कालापानी, दारचुला, बेटरइ और अन्य सामिल है ! जहाँ हेलीपेड और केम्प भी बनाये गए ! Click Here 
 दिनांक 22 Jun 2020 :  नेपाल सरकार ने गंडक बैराज के 18 उनके गेट की मरमत कार्य को रोक दिया जिसकी वजह से बिहार में बाढ़ जैसे हालत बनेंगे और भारत के लोगो की जिंदगी खतरे में पड़ जायेगी ! Click Here 
 दिनांक 23 Jun 2020 :  नेपाल सरकार की  रिपोर्ट में खुद बताया गया की चाइना ने नेपाल की 33 Hactare जमीन कब्ज़ा करली जिसमे हुम्ला, रसुवा, संखुवासभा और सिन्धुपालचौक सामिल है ! एक रुई गांव है जो गोरखा का गांव हैClick Here 




Nepal Claim This Area Which Is Indian Territory
Nepal Claim This Area Which Is Indian Territory
(Photo Credit : Brookings.edu)

 कुछ सवाल उठते है प्रधानमंत्री ओली की कथनी और करनी पर

 सवाल १ :-  नेपाल भारत शदियों से छोटे भाई और बड़े भाई की तरह है ! क्यों अपनी आपत्ति टीवी पर दर्ज कराने की बजाये, ओपचारिक आपत्ति नहीं दर्ज करनी चाहिए थी ?

 सवाल २ :-  जब देशो के बीच कुछ दिक्कत होती तो क्या उनको ओपचारिक और राजनायक चैनल के जरिये नहीं हल करना चाहिए था ?

 सवाल ३ :-  जब भारत की तरफ से फोन कॉल और विडियो कॉल के लिए पहले ही प्रस्ताव भेजा गया था तो क्यों प्रधानमंत्री ओली ने उसे अन्य सांसदों और जनता से छुपाया ?

 सवाल ४ :-  जब दो देश जिसके रिश्ते संस्कृति के साथ जुड़े है तो क्या नेपाल के प्रधानमंत्री ओली को “भारत का वायरस चाइना और इटेलियन वायरस से ज्यादा घातक है” बोलना सही था ?

 सवाल ५ :-  अगर इनको भारत का वायरस इतना खतरनाक लग रहा तो क्यों बोर्डर हमेशा के लिए बंद नहीं कर लेना चाहिए ?

 सवाल ६ :-  प्रधानमंत्री ओली ने बयान भारत और नेपाल के बीच का था तो बीच में इटेलियन शब्द आया ! क्या ओली भारत के अंदरूनी मसले या पार्टी के मसले में कूदना क्यों चाहते ?

 सवाल ७ :-  नेपाल की पुलिस ने भारतीय लोगो पर गोली क्यों चलाई और सरकार ने संज्ञान क्यों नहीं लिया ? क्या चुप्पी नहीं बताती इसमे प्रधानमंत्री ओली की हामी है ?

 सवाल ८ :-  सैकड़ो सालो से एक नदी की धारा पर बना बैराज के 36 गेट्स में 18 गेट्स भारत के पास थे और 18 नेपाल के पास जिसकी मरम्मत का काम भी भारत करता था लेकिन ओली सरकार ने इस बार 18 गेट्स को मरम्मत नहीं करने दे रही ! क्या नेपाल सरकार कहती है बिहार में बाढ़ आये ?

 सवाल ९ :-  बाढ़ की वजह से हजारो गरीब मरेंगे उसका जिम्मेदार क्यों नेपाल नहीं होगा ?

 सवाल १० :-  प्रधानमंत्री ओली भारत को मजबूर क्यों कर रहे की भारत कोई एक्सन ले ? अगर भारत ने जरा भी एक्सन लिया आप लोग जानते हो क्या होगा जो दोनों देश के लोग नहीं चाहते लेकिन ओली सरकार मजबूर कर रही !

 सवाल ११ :-  सबसे बड़ा सवाल ! क्या वामपंथी सरकार के प्रधानमंत्री ओली चाइना के चक्कर में भारत और नेपाल की जनता के रिश्ते खराब करना चाहते है ?

 सवाल १२ :-  प्रधानमंत्री ओली अपनी सरकार की नाकामी छुपाने के लिए नेपाल भारत के बीच खाई क्यों खोद रहे ? जबकि दूसरी तरफ चाइना ने 33 Hectare जमीन कब्ज़ा करली उसपर एक बयान नहीं क्यों ?

इसका एक जवाब भारत देता है वामपंथी पूरी दुनिया में कहीं हो वो वफादार चाइना के होते ! उसके कुछ उदहारण
१- १९६२ भारत चाइना की लड़ाई में भारत के वामपंथी चाइना की तरफदारी कर रहे थे !
२- कोरोना के फैलते समय WHO का चीएफ़ टेद्रोस जो वामपंथी है उसने चाइना को बचाने के लिए कितने बयान पलते आज फस चूका है !
३- जरा नेपाल को सोचना चाहिए ! उदहारण और भी है !


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