UN support India On Terrorism & Slam Pakistan
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Pakistan Terrorist Working Style (Photo Credit : Facebook) |
➨ संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान के आतंक को माना
दिनांक 02 Jun 2020, भारत के विदेशमंत्री ‘जयशंकर’ के प्रवक्ता ‘अनुराग श्रीवास्तव’ ने बताया की
“आंतंकवाद और अफगानिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट ने अपने लंबे समय से चले आ रहे रुख को बनाये रखा है की पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद का केंद्र बना हुआ है और आतंकी संस्थाए और व्यक्ति उस देश में सुरक्षित पनाहगाहों का आनंद लेते रहते है! पाकिस्तान अपने अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों को पूरा करने में विफल रहा है, जिसमें प्रासंगिक यूएनएससी प्रस्तावों और वित्तीय कार्रवाई टास्क फोर्स शामिल हैं, जो आतंकवाद का समर्थन करने के लिए समाप्त हो गए हैं।”
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➨ सयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट
सयुक्त राष्ट्र ने इस साल की बनाई गई एक रिपोर्ट जो की सयुक्त राष्ट्र की मोनिटरिंग टीम ने बनाई है ! इस रिपोर्ट में पेज 14 पर एशिया को लेकर आतंकवाद के बारे में बताया गया है ! पॉइंट 53 से 64 तक में सेंट्रल और साउथ एशिया में आतंकवाद के बारे में बताया गया है ! इसमे बताया गया की पाकिस्तान के लगभग 6500 विदेशी पाकिस्तानी आतंकी लडके जो अफगानिस्तान में मौजूत है जिसमे 1000 से ज्यादा पाकिस्तान स्थित आतंकी जैसे जैश-ए-महोम्मद और लश्करे-ए-तायेबा सामिल है ! पाकिस्तान स्थित आतकवादी लड़ाके तालिबान लड़ाके के साथ दस्तखत है !
लश्करे-ए-तायेबा और जैस-ए-महोम्मद के क्रमश 800 और 200 सशस्त्र लड़ाके होने की बात कही गई है जो नाहरहार प्रांत के मोहमंद दरगाह, दुर बाबा और शेरजाद जिलों में तालिबान बलों के साथ सह-स्थित है। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान भी मोहरा दरगाह के सीमावर्ती इलाके के पास लाल पुरा जिले में मौजूद है।
जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा अफगानिस्तान में आतंकवादी लड़ाकों की तस्करी की सुविधा देता है जो कामचलाऊ विस्फोटक उपकरणों में सलाहकार, प्रशिक्षक और विशेषज्ञ के रूप में कार्य करते हैं। ये आतंकवादी संगठन हिंसा भड़काते हैं और इस क्षेत्र और दुनिया के अन्य हिस्सों में आतंकवाद फैलाते हैं। दोनों समूह सरकारी अधिकारियों और अन्य लोगों के खिलाफ लक्षित हत्याएं करने के लिए जिम्मेदार हैं।
रिपोर्ट में बताया गया की
“ये नेटवर्क नंगरहार जो पूर्वी सीमावर्ती पाकिस्तान में और पाकिस्तान में काम करते है ! सुरक्षा अधिकारियो, तस्करी सिंडिकेट और तालिबान के बीच साझा किया जाता है ! यह तालिबान के राजस्व का बड़ा श्रोत है ! ये सब लाभ में सुरक्षा अधिकारियो के साथ आपस में बांटा जाता है !”
तालिबान, विशेष रूप से हक्कानी नेटवर्क और अल-कायदा के बीच संबंध घनिष्ठ बने हुए हैं, जो मित्रता, साझा संघर्ष, वैचारिक सहानुभूति और अंतर्जातीय विवाह का इतिहास पर आधारित है। पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा अफगानिस्तान में उन तस्करों को पकड़ने में लगे हैं जो युद्धग्रस्त देश में शांति प्रक्रिया को पटरी से उतारने की धमकी दे रहे हैं।
१- लश्करे-ए-तायेबा
लश्करे-ए-तायेबा दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा इस्लामिक आतंकी संगठन में से एक है ! इसकी स्थापना 1987 में हाफिज सईद, अब्दुल्ला आजम और जफ़र इकबाल ने ओसामा बिन लादेन की फंड से की थी जिसका उद्देश्य दक्षिण एशिया में एक चरम्पथी इस्लामिक राज्य की शुरुआत करना और कश्मीर में लोगो को आतंकी बनाना है ! संगठन को भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपियन संघ, रूस, ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान और सयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी संगठन के रूप में प्रतिबन्ध किया गया है ! 26/11 2008 मुंबई हमला करने वाला यही संगठन है !
२- जैसे-ए-महोम्मद
जैसे-ए-महोम्मद का अर्थ ‘महोम्मद की सेना’ है जो कश्मीर में सक्रिय एक पाकिस्तानी स्थित देवबंदी जिहादी इस्लामी आतंकवादी समूह है ! इसका मुख्य उद्देश्य कश्मीर को भारत से अलग करना और पाकिस्तान में विलय करना है ! यह एक सुन्नी चरमपंथी समूह है ! इसकी स्थापना २००० में मुख्यालय बहावलपुर पाकिस्तान में की गई थी ! पार्लियामेन्ट हमला 2001, पठानकोट हमला 2016, उरी हमला 2016 और पुलवामा हमले 2019 के पीछे इसी आतंकवादी संगठन का हाथ था ! इसको बनाने में आतंकी मसूद अजहर था ! आतंकी मसोद अजहर को सयुक्त राष्ट्र ने भी वैश्विक आतंकी घोषित कर रखा है !
३- अल-काएदा
अल-काएदा एक चरमपंथी सलाफिस्ट आतंकी संगठन है जिसकी स्थापना 1988 में सोविएत-अफगान युद्ध के दौरान ओसामा बिन लादेन, अब्दुल्ला आजम और अरब आतंकी ने बनाया था ! सयुक्त राष्ट्र, नाटो, यूरोपियन संघ, अमेरिका, रूस, भारत और कई देशो ने भी इस संगठन को आतंकवादी समूह के रूप में घोषित किया हुआ है ! अल-काएदा ने 1998 में सयुक्त राज्य दूतावास में बस बिस्पोट, 11 Sep के हमले और 2002 में बलि बम बिस्पोट शामिल है ! अमेरिका ने इसके एक मुखिया ओसामा बिन लादेन को खत्म कर दिया है लेकिन संगठन अभीभी जिन्दा है !