China retreats 2 km to Ladakh
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Dragon Vs Elephant (Photo Credit : Reddit) |
➨ चाइना लदाख में पीछे हटा
दिनांक 04 Jun 2020, महीनो आमने सामने होने के बाद चाइना की सेना दो किलो मीटर पीछे हुई ! चाइना की सेना असल में भारत द्वारा तेजी से किये जा रहे निर्माण को लेके परेशान थी ! भारत और चीन के बीच लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण पर गतिरोध अभी बना हुआ है। ये कदम भारत के चारो तरफ से बनाये गए दबाव के कारण है और साथ में ये भी कहेंगे अभी तो चाइना दो किलो पीछे हुआ लेकिन Jun 06 को दोनों देशो के शीर्ष अधिकारियो के बीच एक बैठक होने वाली है ! लदाख में भारतीय जमीन कब्ज़ा के फ़िराक में चीन को अपने कदम पीछे खिचने पड़े है ! वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हजारों सैनिकों की तैनाती के बाद अपने मंसूबों में कामयाबी नहीं मिलने के बाद चीनी की सेना को करीब दो किलोमीटर पीछे हट गया है। यही नहीं अब तक आक्रामक रुख अख्तियार करने वाली चीन की सेना तीन-चार दिनों से शांत है।
➨ चाइना के पिछने हटने के पीछे का राज हो सकता
चाइना अपने पड़ोस वाले देशो में थोड़ी थोड़ी जमीन कब्ज़ा कर उसे हथियाने पर काम करता रहता है हाल ही में उसने नेपाल की सैकड़ो हक्टेयर जमीन कब्ज़ा कर ली लेकिन वहा की कमुनिस्ट सरकार उसको जनता से छुपाने में लगी है और चाइना को सपोर्ट कर रही ! ठीक वैसे ही चाइना लदाख में भी ऐसा करना चाहता था लेकिन चाइना को लगा नहीं था की दोक्लम की तरह भारत यहाँ भी आक्रामक रुख अपनाएगा ! इसके पीछे मुख्य तीन – चार वजह है जो चाइना पीछे हटा !
१- चाइना को उसी की भाषा में जवाब
चीन के साथ हमेशा से यह रहा है कि उसके साथ अगर कोई देश नरमी से पेश आता है तो वह उसके ऊपर चढ़ जाता है और अगर आप सख्त रवैया अपनाता हैं तो वे पीछे हट जाते हैं। चीन की गीदड़ धमकी देने की पुरानी आदत रही है। चीन लद्दाख में LAC के पास लगातार सैन्य ताकत बढ़ा रहा था और LAC पर जैसे ही चीनी की सेना के जमावड़े की खबर सामने आई ! भारत की तरफ से तुरंत कार्रवाई की गई और 5 हजार सैनिकों की तैनाती के साथ और साजोसामान पहुंचाए जाने लगा ! भारत के इस आक्रामक रवैये की चीन को उम्मीद नहीं थी ! अब मामला हाथ से निकल सकता है तो चाइना की तरफ से अलग अलग बयान आने लगे जिसमें सुलह की बात ज्यादा थी !
२- दुनिया कोरोना को लेके चीन पर हमलावर
अभी हाली में कोरोना को लेके ज्यादातर देश चाइना से सवाल पर सवाल कर रहे जिसका जवाब चीन नहीं दे रहा जैसे जब वुहान में वायरस फैला तो चीन ने लोकल फ्लाईट बंद करके वुहान से विदेशी फ्लाईट जाने दी और चीन ने दुनिया को पहले क्यों नहीं बताया की वुहान में वायरस फेल चूका है ! पूरी दुनिया चीन से सवाल पूछ रही ! ऑस्ट्रेलिया सहित बहुत १२३ देशो ने WHO में चाइना की जाँच का समर्थन भी किया था ! दूसरी तरफ अमेरिका का चीन पर सीधा हमला करना और D10 में भारत को सामिल करना साथ में चाइना से साथ व्यापार की लड़ाई ! अमरीका के राष्ट्रपति ट्रंप ने परसों ही इस मेटर को लेके भारत के प्रधान मंत्री से फोन पर बात की ! तीसरी तरफ चाइना अन्य पडोसी देश जापान, वियतनाम, ऑस्ट्रेलिया और ताइवान जैसे देशो के साथ विस्तारवादी निति के विरोध के चलते लगातार दबाव बनता जा रहा था ! चीन को डर सता रहा की कहीं ये देश एक साथ ना हो जाये !
३- चाइना का अपने देश का दबाव
असल में चाइना के राष्ट्रपति को लेकर उनकी खुदकी पार्टी में ही विरोध के सुर उठते रहे है और साथ वहां की जनता का विरोध ! कोरोना वायरस फ़ैलाने के चक्कर में चाइना की अर्थव्यवस्था खुद मंदी की चपेट में आ सकती है क्युकी वहां की फेक्टार्यो को आर्डर नहीं मिल रहे जिसकी वजह से निर्यात कम और वहां के लाखो नौकरी जा रही है ! चीनी सरकार अपने चीनी नागरिक को रास्ट्रवाद से एक करना चाहती थी लेकिन भारत की आक्रामकता के आगे चाइना को पीछे हटना पड़ रहा ! ना नागरिक को विश्वास दिला पा रही और ना तो अरबो खर्चा करके भी अपनी वन बेल्ट वन रोड से भी फ़ायदा नहीं मिल रहा !
४- सेना, मोदी सरकार, मंत्री और नौकरशाह की फ्रंट से लड़ना
चाइना की सेना के साथ जबतक हल्का फुल्का फेस-ऑफ चलता रहा जिसमे सेना आपस में लड़ती रही तबतक सरकार का नज़र बनाये रखना ! लेकिन जैसे ही चाइना ने धमकाने की कोशिश की भारतीय सेना को अपने नंबर बड़ा कर तुरंत केंद्र सरकार, सेना के अधिकारी और नौकरशाह एक साथ आगे की हालत का जायजा लेने लगे जिससे चाइना की कमुनिस्ट सरकार को एक कड़ा सन्देश गया ! ठीक वैसे जैसे डोकलाम के समय प्रधानमंत्री मोदी, सेना के अधिकारी और नौकरशाह चीन पर भारी पड़ गए थे !