Tv, Newspaper Favoring Specific Parties In India
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Baised Media Or Paid Media |
➨ भारत में न्यूजपेपर, टीवी पोलिटिकल पार्टियों का समर्थन
भारत के न्यूज मीडिया में अधिकतर पोलिटिकल पार्टी का दखल रहता है ! ये चलन आज से नहीं दसियों साल से चला आ रहा है ! भारत में मीडिया को अपने पार्टी के समर्थन में करने का सबसे अच्छा तरीका है की न्यूज मीडिया में विज्ञापन देके ! भारत में हर पार्टी (कांग्रेस, आप, सपा, बीजेपी और अन्य) के समर्थन में न्यूज चलाने से भारत की जनता का विश्वास खोती जा रही ! हाली में ‘विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2020’ की रिपोर्ट प्रकाशित की गई जिसमे 180 देशो की सूची बनाई गई थी जो हर साल बनाता है जिसको तैयार करने में एन चीजों पर ध्यान दिया जाता :-
१- सभी स्वतंत्रता की गारंटी
२- मानवीय गरिमा की गारंटी
३- लोकतंत्र को बढावा देना
४- विकाश को बढावा देना
५- व्यक्तिगत क्षमताओं की गारंटी
इस सूची में भारत के न्यूज मीडिया 180 देशो में 142 स्थान पर पहुच गई जो पिछले साल 140 पर था ! वही अमेरिका की न्यूज मीडिया की रेंक बड़ी है 48 से 45 हो गई ! भारत में पैड न्यूज का एक धंधा बन गया है जिसको यहाँ की पार्टी से फंड भी प्राप्त होता है विज्ञापन के जरिये ! जैसे हिलया में दिल्ली सरकार द्वारा टीवी और न्यूजपेपर पर खूब पैसा फंड किया गया विज्ञापन के लिए जिससे दिल्ली के सीएम का सारा सारा दिन विज्ञापन आ रहे थे वो भी उस समय जब देश कोरोना की महामारी की वजह से पुरे देश में फंड की दिक्कत है खुद दिल्ली सरकार के डिप्टी सीएम और सीएम ने ५००० करोड़ मांगे थे ! तब वो न्यूज चैनल उसका कोई भी गलती छुपाने में लगी रहती थी ! पेड न्यूज एक आदर्श बनता जा रहा भारत में !
सबूत रेंक रिपोर्ट यहाँ क्लिक करे
➨ कुछ न्यूजपेपर और टीवी चैनल की लिस्ट
आएये हम लोग भारत के आम नागरिक होके इन अखबारों और टीवी की पोल खोलते है ! जब राजनीतिक समाचार को केवल विज्ञापन का भुगतान किया जाता है, तो यह व्यवसाय, बॉलीवुड और खेल समाचारों में भी अलग नहीं होता है। जैसा कि अधिकांश समाचार चैनल, समाचार पत्र, मीडिया हाउस और पब्लिशिंग हाउस विभिन्न दलों के राजनेताओं के स्वामित्व या नियंत्रण में हैं।
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(Photo Credit : TOI News) |
१- The Times Of India
ये भारत में इंग्लिश में पढ़ा जाने वाला अखबार है ! ये एक जैन परिवार द्वारा संचालित है जिनके मालिक साहू शांति प्रसाद जैन है ! ये अखबार एक एंटी हिंदू अखबार और साथ में प्रो कांग्रेस है ! ऐसा बहुत आर्टिकल है जो इसको एंटी हिंदू और प्रो कांग्रेस साबित कर सकती है ! इस अखबार द्वारा कुछ मुस्लिम को छुपाने के लिए शीर्षक को कैसे छुपाया जाता !
=> एक मुस्लिम द्वारा १४ साल के बच्ची का बलात्कार जिसका नाम ‘अकमल अली’ था लेकिन शीर्षक ‘स्वामी’ था !
=> २०१८ में एक आर्टिकल में एक मुस्लिम आसिफ नूरी जो बलात्कार के केस में पकड़ा गया उसको दिखने के लिए एक हिंदू साधू का चित्र दिखाया जो एक मुस्लमान द्वारा लिखा गया था जिसका नाम महोम्मद अकेफ था !
=> 04 Aug 2016 को एक आर्टिकल में गुडगाँव में दो मुस्लमान को बलात्कार की वजह से पकड़ा जिनका नाम दीन महोम्मद और दाराब खान था ! लेकिन इन्हों ने भगवान शंकर की फोटो उसमे लगाई ! बाद में बदल दी !
=> टाइम्स समूह के कांग्रेस समर्थक होने के पीछे का कारण यह है कि मीडिया समूह का मालिक परिवार नेहरू-गांधी परिवार के प्रति बाध्यता और ऋणी महसूस करता है। टाइम्स समूह के मालिक जैन, एक बड़ा एहसान कर रहे हैं जो इंदिरा गांधी द्वारा उन्हें आपातकाल के समय दिया गया था, और इससे पहले, विस्तारित साहू-जैन परिवार को आजादी के बाद जवाहरलाल नेहरू ने पक्ष लिया था। जबकि इंदिरा ने उन्हें वह शक्ति और धन दिया, जिसका वे वर्तमान में आनंद लेते हैं, जिसके बिना वे सामान्य व्यवसायी होते, नेहरू ने भी उन्हें बचाने की कोशिश की, हालाँकि वह उनकी बेटी इंदिरा के रूप में इतनी बेशरम नहीं थी।
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(Photo Credit : The Hindu) |
२- The Hindu
‘दा हिंदू’ न्यूजपेपर अपनी वामपंथी विचारधारा को सामने रखने में भी नहीं घबराता है और यह एक संघठित वामपंथी समाचार पत्र है ! इसके मालिक ‘नरसिम्हन राम’ है जो ‘कस्तूरी एंड संस् लिमिटेड’ के संस्थापक सदस्य है साथ में ये ‘उपाध्यक्ष’ ‘स्टूडेंट फेडरेसन ऑफ इंडिया’ के सक्रिय सदस्य है ! ‘स्टूडेंट फेडरेसन ऑफ इंडिया’ ‘भारतीय कमुनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)’ की छात्र संघ है ! ये वामपंथी वही है जो १९६२ में चाइना के बोलने को तैयार नहीं थे और आज भी इनके दोगलेपन का राज इनके आर्टिकल से मिलता रहेगा ! ये हमेशा से चाइना के समर्थक रहे है ! वामपंथी, सिद्धांततः, बहुसंख्यक संस्कृति, परंपराओं और मूल्यों के खिलाफ हैं (कोई भी मन नहीं है जो नासमझ और अंधे अनुष्ठान का विरोध करते हैं लेकिन वे भूमि के लगभग हर चीज का विरोध करते हैं) चाहे वे भूगोल के किस कोने से हों। उनका उद्देश्य प्रचलित विचारों और विचारों को ध्वस्त करना और जो वे कहते हैं, उसे "एक क्रांति" के रूप में लाना है। ‘दा हिन्दू’ हिन्दू विरोधी प्रतीत होता है!
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Logo : Hindustan Times |
३- Hindustan Times
भारतीय मीडिया में ऐसे सीधे उदहारण कहीं देखने को नहीं मिलेंगे ! ये अखबार सीधे कांग्रेस से जुड़ा अखबार है ! हिंदुस्तान टाइम्स न्यूजपेपर के इस समय की मालिक ‘शोभना भरतिया’ है जिनके पिता ‘के के बिरला’ थे ! ‘शोभना भरतिया’ कांग्रेस की तरफ से सीधे राज्य सभा २००६ से २०१२ भेजी गई थी ! इनके कांग्रेस से गहरे रिश्ते है और अच्छी पकड़ भी ! ये अखबार कांग्रेस के लिए एक मुखपत्र के अलावा कुछ नहीं छाप सकता !
4- The Indian Express
इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप की स्थापना करने वाले ‘रामनाथ गोयनका’ थे ! उनकी म्रत्यु होने के बाद एक समूह दो हिस्से में बट गया था ! अब दो हिस्से होने के बाद एक ‘दा इंडियन एक्सप्रेस’ जो कांग्रेस का समर्थन करता है दूसरा वो ‘दा न्यू इंडियन एक्सप्रेस’ जो एनडीए का समर्थन करता है ! ‘दा इंडियन एक्सप्रेस’ का मालिक ‘विवेक गोयनका’ और ‘दा न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मालिक ‘मनोज कुमार सोंथालिया’ है जो ‘रामनाथ गोयनका के पोते है !
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NDTV Owner Relations |
5- NDTV Channel
ये एक हिंदी न्यूज चेनल है ! इस चैनल के मालिक ‘प्रन्नोय रॉय’ है ! ‘प्रन्नोय रॉय’ की शादी ‘राधिका रॉय’ से हुई जिसकी बहन का नाम ‘ब्रिंदा करात’ है जिसको २००५ में वेस्टबंगाल से राज्य सभा की सदस्य वामपंथी पार्टी ने बनाया था और ये वामपंथी की सोच रखती है ! ‘ब्रिंदा करात’ की शादी ‘प्रकाश करात’ से हुई जो २००५ से २०१५ तक महासचिव थे इनका जन्म ‘म्यांमार’ मतलब बर्मा के रहने वाले थे ! व्यम्पंथी भाजपा के कट्टर प्रतिद्वंदी है ! अगर किसी का राजनीतिक संबंध है तो आपको नहीं लगता की वो उसका इस्तेमाल करेंगे ! यही कारण है कि राजनीति के कारण एनडीटीवी को हमेशा भाजपा विरोधी देखा गया है।