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Jun 5, 2020

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच लोजिस्टिक सपोर्ट, और अन्य देशो के साथ - जरूर पड़े

India Australia Signed Mutual Logistic Support Treaty


Left : Australian PM Morrison & Right : Bharatiya PM Modi
Left : Australian PM Morrison & Right : Bharatiya PM Modi
(Photo : WionNews)

 भारत ऑस्ट्रेलिया के बीच सम्मेलन जरुरी
दिनांक 04 Jun 2020 को पूरी दुनिया चाइना के वुहान वायरस से परेशानियों से गुजर रही है ! 67 लाख से ज्यादा वुहान वायरस के मरीज हो चुके है ! दुनिया में अब देश एक दूसरे के साथ मीटिंग नहीं कर पा रहे है क्युकी वुहान वायरस से बचाओ के चक्कर में दूसरे देश नहीं जा पाना ! दूसरी तरफ चाइना अपने अगल बगल के देशो की जमीन पर नजर रखते हुवे उनको धमकाने की कोशिश कर रहा है ! हालिया में भारत के साथ भी गतिरोध चल रहा है और चाइना हिंद महासागर में भी दिक्कते बढ़ाने की कोशिश करता रहा है ! जिसको देखते हुए भारत और ऑस्ट्रेलिया को एक मीटिंग करना जरुरी था ! भारत और ऑस्ट्रेलिया ने मिलकर इसका एक तोड़ ऑनलाइन मीटिंग करके निकला जिसमे भारत के प्रधानमंत्री मोदी, विदेशमंत्री जयशंकर, ऑस्ट्रेलिया प्रधानमंत्री स्टॉक मोरिसन और इनके अधिकारी शामिल हुए ! ऑस्ट्रेलिया के लोगो और न्यूज एजेंसी को हाली में चीन ने धमकाने की कोशिश की थी ! इसलिए ये कुछ अहम समझोते हुवे !



 भारत ऑस्ट्रेलिया के बीच अहम समझौते
भारत और ऑस्ट्रेलिया चाइना के इस व्यावहार को देखते हुए अपने अपने अधिकार को बचाने के लिए इन समझौते में साथ आने को तैयार हुए ! निचे दिए समझौते जिसपर ऑस्ट्रेलिया और भारत ने हस्ताक्षर किये !
१- साइबर और साइबर इनबिल्ट क्रिटिकल टेक्नोलॉजी सहयोग समझोता
२- माइनिंग, क्रिटिकल माइनिंग की प्रोसेसिंग के क्षेत्र में सहयोग
३- म्युचुअल लोजिस्टिक सपोर्ट के इंतेजाम
४- रक्षा विज्ञानं और तकनीकी सहयोग
५- लोंक प्रशासन और गवर्नेस सुधार के क्षेत्र में सहयोग
६- व्यावासिक शिक्षा और प्रशिक्षण में सहयोग
७- जल श्रोत प्रबंधन में सहयोग
और दो अन्य घोषणा की 
१- दोनों देश द्वारा स्ट्रेटजिक पर्नार्शिप पर संयुक्त बयान
२- इंडो-पेसिफिक मे समुद्री सहयोग पर संयुक्त बयान
इसमे सुरक्षा के लिहाज से सबसे महत्पूर्ण म्युचुअल लोजिस्टिक सपोर्ट पर हस्ताक्षर हुआ है !



India Australia Logistic Support
India - Australia Important Ports

 म्युचुअल लोजिस्टिक सपोर्ट क्यों इतना जरुरी
हालिया घटनाओ को देखते हुए (चाइना द्वारा अपने सब पडोसी देशो को धमकाना और उनकी जमीन पर कब्ज़ा करना जो चीनी सरकार की पुरानी आदत रही है) भारत और ऑस्ट्रेलिया को इस समझोते से मजबूती मिलेगी ! इससे भारत और ऑस्ट्रेलिया को दूसरे के सैन्य ठिकानो और साजो-सामान का इस्तेमाल की अनुमति मिल जाने से इस क्षेत्र भारत और ऑस्ट्रेलिया की पकड़ अपने दुश्मनों के खिलाफ मजबूत होगी ! दोनों ही देश लोकतान्त्रिक देश है ! चीन ( जिसमे एकतंत्र मतलब एक पार्टी का राज है दूसरा कोई नहीं ) अपनी विस्तारवादी नीति के चलते और दूसरे देशो को डर सता रहा है जिसको देखते ही भारत और ऑस्ट्रेलिया ने ये एग्रीमेंट्स में सामिल हुआ ! भारत और ऑस्ट्रेलिया के पोर्ट्स, बेस का इस्तेमाल करेंगे ! ऑस्ट्रेलिया को भारत के अंडमान निकोबार के आस पास के पोर्ट्स और बेस का इस्तेमाल करने की जरुरत थी और वही दूसरी तरफ भारत को ऑस्ट्रेलिया में बांडा सी और अरफुरा सी के पोर्ट्स और बेस का इस्तेमाल कर सकते है जिसकी भारत को जरुरत थी ! आप मेप में देख सकते है क्या और क्यों जरुरी है !
भारत ने इससे पहले भी कुछ देशो के साथ ऐसी समझोते पर हस्ताक्षर कर चुके है ! 

१- 2016 में अमेरिका के साथ लेमोवा (LEMOA) अधिक जानकारी के लिए क्लिक करे 

२- 2019 में फ्रांस के साथ लाजिस्टिक सपोर्ट समजौता अधिक जानकारी के लिए क्लिक करे 

भारत एक ग्रुप QUAD में है जो चार देशो का समूह है ! जिसमे अमेरिका, जापान, और ऑस्ट्रेलिया भी है ! ये ग्रुप खासकर चाइना को देखते और उसकी विस्तारवादी नीतियों के चलते बना है ! भारत का अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के साथ तो लोजिस्टिक एग्रीमेंट्स हो गया अब बारी है जापान की ! भारत और जापान को भी इस तरह का एग्रीमेंट्स कर लेना चाहिए जितनी जल्दी हो सके



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