why china fearing of increasing indian nationalist?
➨ चाइना ने क्या कहा
दिनांक Jan 01 2020, चाइना ने अपने अखबार 'ग्लोबल टाइम' ने एक लेख के जरिये भारत को चेतावनी दी है ! उसने अपने अखबार में लिखा की
"अमेरिका - चीन प्रतिद्वंद्विता में भारत को शामिल होने के बारे में सावधान रहने की आवश्यकता है ! भारत में राष्ट्रवादी भावना बढ़ने के साथ, भारत सरकार से नए सीत युद्ध में शामिल होने और अधिक लाभ के लिए अपनी स्थिति का फ़ायदा उठाने के लिए कुछ आवाजे उठ रही है !"आगे कहा गया की
"इस तरह की अतार्किक आवाजें (राष्ट्रवादी आवाजे) भ्रामक नहीं हैं, बल्कि मुख्यधारा की आवाजों का प्रतिनिधित्व नहीं करना चाहिए और भारत सरकार के रुख को रोकना चाहिए ! भारत को अमेरिका-चीन संघर्ष में उलझने से थोडा लाभ होता है और उनके पास खोने के लिए और अधिक है ! मोदी सरकार को नए भू-राजनीतिक विकास का सामना निष्पक्ष और तर्कसंगत रूप से करने की आवश्यकता है।"लेख द्वारा भारत को चेतावनी देते हुए कहा की
"भारत को चीन के साथ अपने संबंधों में किसी भी समस्या से निपटने में अमेरिकी कारक को शामिल नहीं करने के लिए सावधान रहना होगा, अन्यथा यह केवल इस मुद्दे को जटिल करेगा।"
➨ चाइना कहना क्या चाहता
१- चाइना को देश में राष्ट्रवादी से डर लग रहा क्युकी जितना राष्ट्रवाद बढेगा उतना देश प्रेम भारत के लोगो में जागेगा उतना ही चाइना को झटका लगेगा ! लोग अपने देश की बनाई चीजे इस्तेमाल करेंगे इससे चाइना की चीजे देश में बिकना कम होती जायेगी जिससे चाइना को नुकशान होगा !
२- चाइना भारत को धमका रहा की अमेरिका से साथ जोड़ी मत करिये ! अगर जुडेगा तो भारत को फ़ायदा कम नुकशान ज्यादा होगा और भारत इसको झेल नहीं पायेगा ! लेकिन ये असलियत नहीं इसको समझाने के लिए आपको भारत और चाइना के बीच ट्रेड के आंकडो पर नजर जरूर डालनी चाहिए !
सन 2019 में भारत ने चाइना को अपना माल बेचा 13.09 खरब रुपये का और वही चाइना ने भारत को अपना माल बेचा 54.55 खरब रु का ! जिसकी वजह भारत को 41.43 खरब रु का नुकशान होता है इससे चाइना को फ़ायदा होता है !अगर चाइना भारत को माल बेचने पर रोक लगता है तो भारत को तीन दिक्कत आयेगी वो भी छोटे से समय के लिए जिसमे पहला दवाई बनाने वाली केमिकल (API), दूसरा इलेक्ट्रोनिक हार्डवेयर आईसी और तीसरा तीन से चार महीने लगेंगे वापस उठने में ! लेकिन चाइना डबल झटका लगेगा एक तो अमेरिका से वार दूसरा भारत का बाजार हमेशा के लिए खो देना ! जितना पैसा चाइना ने पाकिस्तान को १५ साल में खर्चा करेगा उतना अकेला भारत से हर साल कमाता है ! इसको कौन खोना चाहेगा ! अब समझ गए होगे ये गीदड धमकी है !
(ए)- स्पेयर पार्ट चाइना की जगह वेयतनाम भी बनाता है !
(बी)- दवाई की API चाइना की जगह अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी से ख़रीदा जा सकता है ! बस भारत सरकार को विएतनाम से लेकर हर चेनल को पहले से तैयार रखने होंगे ! जिसमे भारत सरकार ने पहले कुछ कदम उठाये है १०००० करोड़ फार्मा एपीआई के लिए !
३- एक तरफ धमकी देता दूसरी तरफ बोर्डर पर सेना भेजता और फेसऑफ कर रहा ! इसकी चिंता मत करे भारत की सेना में इतनी छमता है की वो किसी को भी धुल चटा सकती है ! अब हमारे देश में इसको देखते हुए 'सिविल सोसाइटी' के लोगो ने खुले आम चाइना का बहिस्कार करने के लिए जनता के बीच जनता समझाने उतर गए है !
४- कुछ लोग चाइना की तरफ से सवाल करते है की मोबाइल के स्पेयर पार्ट्स जब चाइना से आते तो बहिस्कार क्यों करे फिर ! अरे भाई बूंद बूंद से सागर भरता है ! अगर ट्रेड डेफिसिट कम कर दिया तो चाइना को समझ आ जायेगी ! वैसे मोबाइल के लिए बहुत फेमस कंपनी है सैमसंग, नोकिया और आसुस !
५- चाइना को एक डर और सता रहा है की कुछ दिन पहले ही ब्रिटेन और अमेरिका ने भारत के साथ D10 नाम का एक बड़ा संघठन बनाने का ड्राफ्ट तैयार किया था ! अगर अमेरिका और ब्रिटेन खुलकर भारत का साथ खड़े हो गए तो चाइना की दिक्कते बढती जाएँगी ! D10 के बारे में पड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे
सबूत चाइना धमकी
सबूत ट्रेड डेफिसिट