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Jun 13, 2020

भारत ने पहली बार मोबाइल चाइना से खरीदने से ज्यादा विदेशो में बेचे - जरूर पढ़े पूरी कहानी

Made In India Mobile Export Greater Than Import For The 1st Time

Mobile Manufacturing Unit
Representation Image Of Mobile Manufacturing Unit

 मोबाइल निर्माता का एक्सपोर्ट
दिनांक 10 Jun 2020, इंडियाटुडे ने एक खबर के मुताबिक
“वित्त वर्ष 2019-2020, में भारत पहली बार मोबाइल फोन इम्पोर्ट से ज्यादा एक्सपोर्ट करने लगा है ! इस वर्ष भारत ने 41.5 मिलियन मोबाइल फोन का निर्यात किया है जबकि 5.6 मिलियन मोबाइल फोन का आयात किया है ! भारत ने 36 मिलियन मोबाइल फोन ज्यादा बेचे है जिसका भारत को फायदा ही होगा !"


 पहले (२०१४) और अब (२०२०) में फर्क
इंडिया सेलुलर एंड इलेक्ट्रोनिक्स एसोसिएशन ( ICEA ) के अनुसार 2014 में भारत में सिर्फ 2 निर्माता कंपनी थी लेकिन 2018 में ये 268 निर्माता कंपनी थी जो अब और भी बढ़ चूका होगा ! पहले भारत में ज्यादा तर फोन चाइना से, कुछ ताइवान से और कुछ कोरिया से आते थे लेकिन भारत की मोदी सरकार की नीतियों की वजह से जो पूरा बना बनाया खरीदता था आज वो फोन बनाने वाला देश बनता जा रहा ! 


Mobile Indian Export Data
Mobile Data
(Photo Credit : IndiaToday)

 मोदी सरकार की नीति
सन 2017, में सरकार ने चरणबुद्ध तरीके से विनिर्माण कार्यक्रम शुरू किया जिसके तहत मोबाइल से पार्ट्स भारत की कंपनी से ही खरीदने पर प्रोत्साहित (कुछ छुट) करना था ! मोबाइल फोन की जरुरी चीजे छोडकर चार्जर, माइक्रोफोन, कैमरा इत्यादी चीजो को आयात करने पर कस्टम ड्यूटी लगा देना और अन्य जरुरी चीजे जैसे आईसी, डिस्प्ले, बॉडी इत्यादी चीजों को कस्टम से बाहर रखना था !
मंत्रालय ने कहा की 2019-2020 में चरणबद्ध तरीके से “डिस्प्ले और ग्लास पेनल” के देश में ही बनाने को कस्टम में कुछ छुट को अब कोरोना महामारी के चलते Sep 2020 स्थगित कर दिया है ! इससे भारत को 2.5 बिलियन डॉलर की डालर की बचत हुई है ! 




नोट : - एक पूर्ण मोबाइल फोन चाइना से आयात करना ज्यादा महंगा पड़ रहा था जो अब कुछ सस्ता पड़ेगा ! क्या लोगो को नौकरी नहीं मिली होंगी जरा सोचिये ! कांग्रेस के ६० साल और मोदी के ६ साल !
सरकार के साथ हमें और आपको ये देखना होगा की एक तरीके से फोन खरीदने होंगे !
१- भारत की कंपनी और भारत में बने (जैसे लावा, मिक्रोमक्स)
२- विदेशी कंपनी (चाइना को छोडकर) और भारत में बने (जैसे सैमसंग, आसुस, सोनी, नोकिया)
३- चीन की कंपनी और भारत में बने (फिर आखरी में ये रेड्मी, ओप्पो, विवो)




 पूरा बनाने में समय क्यों लग रहा
एक मोबाइल फोन को बनाने में 300 से ज्यादा पार्ट्स लगते है जिसको चाइना ने मोबाइल के 60% बनाने में 20 साल लिए थे ! इसी साल भारत ने $ 7 बिलियन के प्रदर्शन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना की घोषणा की, जो निर्माता की वृद्धिशील बिक्री और पूंजी निवेश को प्रोत्साहित करेगी । दूरसंचार मंत्री और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा की
'हम आने वाले पांच सालों में मोबाइल फोन निर्माण और असेंबली, टेस्टिंग, मार्किंग और पैकेजिंग यूनिट सहित इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन के लिए 40,995 करोड़ रुपये देंगे ।'
मोदी सरकार का टारगेट है 2025 तक मोबाइल के पार्ट्स का ४० से ४५ % का निर्माण भारत में करना है !




 नोट : हिंदू धर्म की सच्चाई के बारे में जानने के लिए पढ़े (हिंदू हो, मुस्लिम हो, च्रिस्तियन हो, चाइनीज हो, बुद्धिस्म हो ) ! नाम है सत्यार्थ प्रकाश एक पुस्तक 
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