Delhi Violence Sarjeel Iman Asking Muslims To Loot Mandir Donation
➨ शर्जील के लोगो ने अलीगढ में मंदिर का दान लोटा और पुलिस पर गोलीबारी की
दिनांक 21 Jun 2020 को सुप्रीमकोर्ट में उत्तरप्रदेश का पक्ष सुना जिसमे शर्जील इमाम के बारे में बताया गया की
“जेएनयू के ( इस्लामी कट्टरपंथ ) शर्जील इमाम ने अलीगढ में 16 Jan 20 को भडकाऊ भाषण के कारण राज्य में व्यापक आगजनी और लूटपाट हुई थी !”
‘दा वायर के स्तंभकार’ शर्जील द्वारा विभिन्न राज्यों में उनके खिलाफ सभी एफआईआर को एकीकरण करने के लिए एक दलील दिया गया था ! उसी केस की सुनवाई में उत्तरप्रदेश सरकार के वकील ने हलफनामा देते हुए कहा की
“यूपी पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर को बाकि लोगो के साथ नहीं जोड़ा जा सकता है क्युकी उनके भाषण का एक अलग स्थानीय प्रभाव था जिसकी वजह से राज्य में बड़े पैमाने में आगजनी, पथराव हुआ, पुलिस पर गोलीबारी हुई और दो महीनो में मंदिरों में दान पेटीया लूटी गई !
23 Jan को एएमयू छात्रों सहित लगभग 150-200 प्रदर्शनकारियों ने सड़क को बंद किया और घ्रणा बारे नारे लगाये और 400-500 से अधिक लोगो ने पथराव किया, मंदिरों की दान पेटियों लुटी, मंदिरों के पुजारी के साथ हाथापाई की जिससे संघर्ष और तनाव पैदा हुआ !
23 Feb को फिर से, पूर्व नियोजित तरीके से एक हजार से अधिक व्यक्तियों ने कोतवाली उपकोट में जबरन प्रवेश किया और अवैध सस्त्रो से गोलीबारी करके दंगे की स्थिति पैदा कर दी !
24 Feb को, एक मंडली ने नफरत वाले नारे लगाये और पुलिस पर पथराव किया और उन पर अवैध हथियारों से गोलीबारी की जिसमे कई पुलिसकर्मी घायल हो गए और सावर्जनिक संपत्ति को नुक्सान पहुचाया !”
उत्तर प्रदेश के वकील ने बताया की “विभिन्न प्रदेशो में शर्जील इमाम के खिलाफ दायर एफआईआर के एकीकरण से उस जाँच को बहुत नुकशान होगा जो उसके भाषण के परिणामों और उसके लिंक के परिणामों को कम करने के लिए चल रही है !”
वकील सिद्दार्थ दावे ने कोर्ट को अवगत कराया था की “सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में रिपब्लिक भारत के अर्नब गोस्वामी के खिलाफ देश भर में दर्ज अलग अलग एफआईआर में जाँच को रोक दिया था जबकि केवल दो एफआईआर को जीवित रखा था !”
दिल्ली पुलिस ने हाल ही में शर्जिल इमाम के खिलाफ देशद्रोह का आरोप लगाया था जिसमे बताया की “उसने भाषण के बीच दुश्मनी को बढावा दिया और 15 Dec को दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया में और उसके आस पास दंगे हुए !”
➨ कौन है इनका वकील सिद्धार्थ दावे और जेएनयू शर्जिल इमाम
१- शर्जिल इमाम : इनका जन्म जहानाबाद में हुआ सन 1988 में ! 2013 में शर्जील इमाम ने सॉफ्टवेर कंपनी छोड दिया ! जेएनयू में 2013 के बाद उन्होंने वामपंथी छात्र दल (AISA) की और आकर्षित हुए ! ये जनाब जेएनयू में इतिहास और संस्कृति की पढाई कर रहे थे ! इनके पिता 2014 में कैंसर से म्रत्यु हो चुकी ! शर्जील को इस्लाम बहुत पसंद था और इस्लामिक सिद्दांतो में गहरी दिलचस्बी थी ! अधिक जानकारी के लिए
२- वकील सिद्धार्थ दावे : सुप्रीम कोर्ट में वकालत करते है ! इनकी ला की पढाई ‘राष्ट्रीय ला स्कूल, बेंगलोर’ से हुई है ! ये जनाब सफूरा ज़रगर को जमानत दिलवाने में लगे थे साथ में हर्ष मंदर जो जोर्ज सोरोस की संस्था से जुड़ा है ! ये अब सर्झिल इमाम का केस भी लड़ रहे की सारे एफआईआर एक जगह करदी जाये और बाकि को खत्म की जाये ! पढाई की जानकारी विडियो पर हर्ष मंदर और वकील कोर्ट पर सवाल
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Harsh Mandar At Shaheen Bagh |
➨ शर्जील इमाम को बचाने में जेएनयू और वामपंथी की फ़ौज
दिनांक 26 Jan 2020 को शर्जील इमाम ने सीएए का विरोध करते करते देश का विरोध और देशद्रोही काम करने लगे और जिसमे उन्हों ने कहा “असाम का चिकेन नेक को काट देंगे” और जिसके बाद असाम के डिब्रूगढ़ में गुरूद्वारे के पास बम ब्लास्ट हुए !
जेएनयू के शर्जील इमाम ने शाहीन बाघ में लोगो को हिंदू के खिलाफ भडकाया गया जिसकी वजह से देश में कई जगह (अलीगढ, लखनऊ, दिल्ली, असाम) दंगे भी भी हुए !
शाहीन बाघ को मुसलमानों को भडकाना
शाहीन बाघ को मुसलमानों को भडकाना
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Nation Should Ask Question To Own |
➨ देश के नागरिक को समझना होगा
सवाल १: दलाल मीडिया लोगो को क्यों गुमराह कर रही ? ये बता रही की उसने (शर्जिल इमाम ने) देश में चक्काजाम करने को कहा था लेकिन असलियत ये की उसने देश से असाम को अलग करने को कहा था !
सवाल २: शर्जील इमाम जिसने देश की संपाती को बड़ा नुकशान पहुचाया और लोगो को लूटपाट करने, रास्ट्रीय सम्पति जलाने के लिए उकसाया ! उसको ‘जेएनयू’, ‘अलीगढ मुस्लिम युनिवसिटी’, ‘जामिया इस्लामिया’ और वामपंथी देश को एक कथन गड़ने में तुले और एक देशभक्त बताने का तुले क्यों ?
सवाल ३: जब केस कोर्ट में चाल रहा तो क्या कुछ मीडिया (The Wire, The Hindu, Scroll, NDTV, IndiaToday) को हक है क्या जो कोर्ट के सुनवाई से पहले किसी को भी सही गलत ठहरा सकती है ?
सवाल ४: हर्ष मंदर ( जो जोर्ज सोरोस की एक बहरूपिया मानवाधिकार संस्था से जुड़ा है ) ने जज से लेकर हर उस इंसान के खिलाफ आवाज उठाई जो इनके हिसाब से नहीं चलते ! जिसमे जज, प्रधानमंत्री, वकील, रिपोर्टर्स सब सामिल है ! इनका एक १०० लोगो का गेंग है जो उस समय निकलता है जब इनके खिलाफ गलत की वजह से आवाज उठती है ! इन्हों ने कभी देश की सेना की मानवाधिकार और हिंदू के मानवाधिकार की कभी बात नहीं की क्यों ? ( हर्ष मंदर जज के खिलाफ और भडकाऊ बयान )
सवाल ५ : हर्ष मंदर देश विरोधी क्यों ?
१- हर्ष मंदर वो मानवाधिकार के कार्यकर्ता है जो जोर्ज सोरोस चलता है जिसने भारत के रास्ट्रवादी और प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ लड़ने की कसम खाई है ! इसी वजह से हर्ष मंदर दंगे कराने वाले शर्जील इमाम, सफोरा, शाहीन बाघ से लेकर देश विरोधी काम में लुप्त रहे है !
२- पिछले साल Sep में जोर्ज सोरोस ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी !
३- जोर्ज सोरोस की मानवाधिकार संस्था (फर्जी) में दूसरी इसाई संथाओ (Misereor) के मिलकर विदेश में फ्रांस के राफेल के खिलाफ, भारत में कश्मीर के खिलाफ कई फर्जी रिपोर्ट्स बनाई, और यहाँ तक कई इसाई संस्थानों को पैसा दिए जाते थे धर्म परिवर्तन के लिए ! क्यों आप और हम नहीं सुनना चाहते या अपने देश को बचाना चाहते ?
४- जोर्ज सोरोस की फर्मो द्वारा भारत में कई NGOs को पैसा मिलता जिनका काम सिर्फ सरकारी काम में बाधा और गरीब जनता के काम में रुकावट डालना था ! इनमे से कुछ का काम ब्रह्मांड के खिलाफ रहना था ! इनके नाम ऐसे की आप सोचेंगे की ये आपके लिए काम कर रहे लेकिन इसका ठीक उल्टा देश को तोड़ने का काम कर रहे थे ! इन सबमे ज्यादातर मानवअधिकार के ठेकेदार थे ! अधिक जानकारी के लिए
सवाल ६: शर्जिल इमाम के वकील ये दंगे फ़ैलाने वाले केस को कैसे अर्नब वाले केस को दिखा के एकीकरण करवाना चाहते क्यों ?? दोनों एक जैसे केस तो नहीं एक में दंगे कराये और असाम को भारत से अलग करने की बात हुई लेकिन रिपोर्टर के ऊपर सिर्फ असली नाम लेना का आरोप था ना की देशद्रोह का !