Delhi Govt Giving Fake Wuhan virus Figures
Top 7 States Of India : Corona |
➨ दिल्ली कोरोना के आकडे में फर्क
दिनांक 11 Jun 2020 को दिल्ली के सारे नगर निगम ने एक साथ आके बताया की “शहर में उनके द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न शमशान और कब्रिस्तान में आज तक 2098 लोगो की अंतिम संस्कार की पुष्टि की है !” वही दूसरी तरफ दिल्ली के सीएम केजरीवाल सरकार ने भी आकडे बताये की “दिल्ली में अधिकारिक मौतों आजतक 1085 हुई थी !” विवाद यही जन्म लेता है की केजरीवाल सरकार द्वारा बताये गए आकडे ‘नगर निगम’ द्वारा बताये आकडे से आधे है !
जब जनता सवाल करने लगी तो केजरीवाल सरकार ने बताया की
“हमने एक ‘मर्त्यु लेखा परीक्षा समीति’ का गठन किया था जिसमे वरिष्ट डॉक्टर सामिल थे जो कोरोना के कारण सभी मौतों का आकलन निष्पक्ष कर रहे है !”
निगमों ने दिल्ली सरकार के अधिकारिक आकडो को चुनौती दी ! दक्षिण नगर निगम ने दिल्ली सरकार पर कोरोना के सही आकडे छुपाने का आरोप लगाया और जिसमे दक्षिण में 1080 मौते, उत्तरी के 976 और पूर्वी निगम के 42 थे ! सारी लाशो का सावधानी पूर्वक उनका कोरोना प्रोटोकोल के तहत अंतिम संस्कार किया जा रहा जो एक डॉक्टर द्वारा प्रामाणित किया जाता है ! इसमे 2098 कोरोना पोजिटिव लाशे उसके प्रामाण पत्र के साथ भेजे गए है !
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As Per Delhi Govt, Corona Figures Are (Photo Credit : TOI) |
कुछ और डाटा जो पहले से चला आ रहा लेकिन जब जनता को कुछ गडबड लगा है तो लोगो ने सवाल करने सुरु किये तो ये दिक्कते आई ! कुछ डाटा शेयर करता हूँ दिल्ली सरकार और नगर निगम का !
Date - Delhi Gov. - Municipal Corp. Or Hospitals
दिनांक 13 Jun 2020 को एक और रिपोर्ट आई लाइवमिंट पर जिसमे कहा गया की दिल्ली में 5947 कोरोना टेस्ट करने पर 2137 आदमी कोरोना पीड़ित है !
सबूत लाइवमिंट का
सबूत लाइवमिंट का
➨ कौन कौन और कैसे आकडे पेस करती
राजधानी दिल्ली तीन नगर निगम में बंटा है जिसमे दक्षिण नगर निगम, पूर्वी नगर निगम और उत्तर नगर निगम ! दिल्ली सरकार अपने आकडे हॉस्पिटल से इकट्ठा करती है जो हॉस्पिटल दिल्ली सरकार को बताती है लेकिन समशान और कब्रिस्तान नगर निगम द्वारा संचालित है ! नगर निगम ने अपने आकडे शमसान और कब्रिश्तान में जलाये या दफनाए गई लाशो के साथ डॉक्टर द्वारा प्रामाणित पत्र से करती है ! दिल्ली सरकार ने एक कमेटी ‘डेथ ऑडिट कमेटी’ बनाई Apr 20 को अस्पतालों से आकडे जुटाने होते या अस्पतालों को इस कमिटी को आकडे देने होते ! इस कमेटी में डॉक्टर अशोक कुमार, डॉक्टर विकाश डोगरा और डॉक्टर आर एन दास है !
लेकिन अब आपको समझ नहीं आया तो एक इंजीनियरिंग के हिसाब से भी बताता हूँ ! जैसे मानलो अपने कोई सॉफ्टवेर बनाया उसको पेश कर दिया लोगो ने इस्तेमाल किया लेकिन उसमे कुछ दिक्कत है खास कर डाटा चोरी वाली तो आम इस्तेमाल करने वाले को नहीं पता चलेगा उसके लिए होते है एथिकल इंजिनियर जो सॉफ्टवेर के उलटी तरफ से चेक करते है और उसमे दिक्कत दूंदते है ! अब वही हुआ !
नोट : हिंदू धर्म की सच्चाई के बारे में जानने के लिए पढ़े (हिंदू हो, मुस्लिम हो, च्रिस्तियन हो, चाइनीज हो, बुद्धिस्म हो ) ! नाम है सत्यार्थ प्रकाश एक पुस्तक
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