Why Britain and America Planning India & Australia with G7 to form D10 Group
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Left : President Donald Trump & Right : PM Boris Johnson (Photo Credit : Esquire) |
➨ केस १ - ब्रिटेन ने क्या कहा
दिनांक 29 Dec 2020, G7 की विर्चुअल मीटिंग अगले महीने होने वाली थी जिसमे अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप उसकी होस्ट करेंगे ! ब्रिटेन ने कहा की
अगर वे ब्रिटेन को चीनी फर्म का उपयोग नहीं करना चाहते तो उन्हें हुआवेई के विकल्प के साथ आना चाहिए।
"यह संयुक्त राज्य अमेरिका को 10 देशों का एक क्लब बनाने के लिए प्रेरित कर रहा था जो अपनी 5 जी तकनीक विकसित कर सकता है और चीन के विवादास्पद विशालकाय हुआवेई पर निर्भरता को कम कर सकता है।"दा टेलीग्राफ के अनुसार ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन ने पिछले हफ्ते एक खबर दी थी की
अधिकारियो ने चीन के खट्टे संबंध के साथ २०२३ तक हुआवेई को नेटवर्क से बाहर कर्न्ने की योजना तैयार करने के निर्देश दिए है !टाइम्स अखबार के हिसाब से
"ब्रिटेन लोकतांत्रिक साझेदारों के D10 क्लब का प्रस्ताव कर रहा है जिसमें G7 राष्ट्र शामिल होंगे,ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और भारत। 10 सदस्य राज्यों में मौजूदा दूरसंचार कंपनियों में निवेश को शामिल करने के विकल्पों में से एक है। फिनलैंड के नोकिया और स्वीडन के एरिक्सन 5G उपकरण जैसे कि एंटेना और रिले मास्ट की आपूर्ति के लिए यूरोप का एकमात्र वर्तमान वैकल्पिक विकल्प हैं।"डाउनिंग स्ट्रीट के प्रवक्ता ने कहा,
"हम () संयुक्त विविधता लाने के लिए बाजार में नए प्रवेशकों की तलाश कर रहे हैं और यह एक ऐसी चीज है जिसके बारे में हम अपने सहयोगियों के साथ बात कर रहे हैं।"जॉनसन ने इस साल के फैसले में हुआवेई को वाशिंगटन को शामिल किया क्योंकि उसका मानना है कि निजी चीनी कंपनी या तो पश्चिमी संचार पर जासूसी कर सकती है या बीजिंग से आदेशों के तहत ब्रिटिश नेटवर्क को बंद कर सकती है। लेकिन अंत में हुआवेई को नेटवर्क से बाहर करने की उनकी योजना ने चीन के साथ लंदन के संबंधों को काफी जटिल कर दिया, क्योंकि जॉनसन यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर निकलने के बाद नए व्यापार भागीदारों की तलाश करता है। जॉनसन ने जनवरी में अपने अमेरिकी आलोचकों को चुनौती दी कि
अगर वे ब्रिटेन को चीनी फर्म का उपयोग नहीं करना चाहते तो उन्हें हुआवेई के विकल्प के साथ आना चाहिए।
सबूत ब्रिटेन की
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Above G7 Group & Below USA Britain Wants |
➨ केस २ - अमेरिका ने G7 को लेकर क्या कहा
दिनांक 30 May 2020, अमेरिका ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने G7 शिखर सम्मलेन को अभी के लिए स्थगित कर दिया है ! भारत समेत अन्य दो को भी शामिल करना चाहिए ! ट्रंप ने राईटर से कहा की
"मै इसे स्थगित कर रहा हूँ क्युकी मुझे नहीं लगता की G7 के रूप में यह ठीक से नहीं दर्शाता की दुनिया में क्या चल रहा है !"अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा की
" वह अगले महीने सितंबर या उसके बाद तक सात शिखर सम्मेलन के एक समूह को स्थगित कर देंगे और ऑस्ट्रेलिया, रूस, दक्षिण कोरिया और भारत को शामिल करने के लिए आमंत्रितों की सूची का विस्तार करेंगे ।"फ्लोरिडा में केप कैनावेरल से वाशिंगटन लौटने के दौरान एयर फोर्स वन पर पत्रकारों से बात करते हुए, ट्रम्प ने कहा कि
जी 7, जिसके सदस्य दुनिया की सबसे उन्नत अर्थव्यवस्था हैं, अपने वर्तमान प्रारूप में "देशों का बहुत पुराना समूह" था।
ट्रम्प ने चीन में शुरू होने वाले कोरोनावायरस महामारी से निपटने के लिए बीजिंग पर हमला किया है, और शुक्रवार को उन्होंने अपने प्रशासन को आदेश दिया कि वे पूर्व में एक नया सुरक्षा कानून लागू करने के चीन के फैसले के प्रतिशोध में हांगकांग के लिए विशेष अमेरिकी उपचार को समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू करें।
सबूत अमेरिका की
Jack Posobiec Tweet May 29 (Photo Credit : Twitter) |
➨ G7 ग्रुप में कौन कौन है
G7 ग्रुप एक शक्तिशाली संघठन है जिसमे संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जापान, जर्मनी, इटली और कनाडा शामिल है और यूरोपीय संघ भी इसमें शामिल है।
➨ कुछ पोइंट्स
१- ब्रिटेन और अमेरिका क्यों चाहते D10 ग्रुप बनाना और भारत, ऑस्ट्रेलिया को शामिल करना !
२- सीधे सीधे नहीं कहा जाता एंटी चाइना ग्रुप बनाना चाहते है ये देश ! सवाल ये भारत को जुडना चाहिए ?
३- 5G से चाइना की विरोधाभास हुवावे को अपने देशो से बाहर रखना ! क्युकी चाइना अपने सामान के जरिये दूसरे देश पर जासूसी करता है !
४- कुछ लोग सवाल उठा रहे की हुवावे सस्ता सामान देता है नोकिया और सैमसंग के सामान मेहेंगे होते ! सस्ते के चक्कर में देश की तंत्र को बर्बाद कर दिया जाये !
५- 5G नेटवर्क आने के बाद बहुत ज्यादा तरक्की होगी जैसे ऑटो कार, ऑटो ट्रेन, और भी ! सोचो अगर इनपर चाइना ने पकड़ बना ली तो क्या होगा !
६- यूएस ने अपने देश में हुवावे को बेन कर रखा है क्युकी कुछ साल पहले चाइना अमेरिका की जासूसी का आरोप लगा था !
७- इंडिया ने 5G का सामान खुद बनाना होगा फ्रांस, अमेरिका, अन्य देशो की मदद से !