<b>योगी सरकार मिग्रेंट कमिसन क्यों बनाने पर ध्यान दे रही - Full Story</b> - VerifiedNewz.us

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May 28, 2020

योगी सरकार मिग्रेंट कमिसन क्यों बनाने पर ध्यान दे रही - Full Story

Yogi Govt Start Working On Migrant Commission


UP CM Yogi Adityanath
(Photo : Aninews)

 क्यों प्रवासी मजदूरो के लिए एक कमीसन बनाया जा रहा
जब दुनिया में कोरोना की महामारी फ़ैल रही थी तक देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने तुरंत सोच समझ कर निर्णय लिया था की लाकडाउन लगाया जाये ! पहला लाकडाउन 25 Mar 2020 से 14 Apr 2020 तक 21 दिनों का रखा गया ! फिर दूसरा लाकडाउन 15 Apr से 03 May तक 19 दिनों का लगाया ! फिर तीसरा और आखरी चौथा 31 May तक ! लोगो की जान बचाने के लिए लाकडाउन लगाना अतिअवस्यक था जिसकी वजह लाखो उत्तरप्रदेश और बिहार से मजदूर खासकर महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली और पुंजाब में फस गए ! जिनके पास दिन पर दिन पैसा और खाना भी खत्म होता जा रहा था लेकिन राज्य सरकारे जैसे की टीवी पर दावा कर रही थी की उत्तरप्रदेश और बिहार के मजदूर को पूरी सुविधा और खाना के मदद की जायेगी ! लेकिन ऐसा हुआ नहीं ! ऐसा बहुत से केस हुए जिसमे लोगो को गलत जानकारी बताकर मेसेज के जरिये, व्हात्सप्प के जरिये प्रवासी मजदूर को लावारिस की तरह छोड दिया गया ! उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने अपनी पूरी ताकत लगा दी एन मजदूरो को अपने घर सही सलामत पुहुचाने में जिसमे राज्य की  ११००० बसे और हजारो ट्रेन लेकिन कुछ बेचारे मजदूर रुक नहीं पाए सुविधा ना मिलने की वजह से !

किसी ने साइकिल, किसी ने ऑटो, तो किसी ने बाइक और तो कई तो पैदल महाराष्ट्र से उत्तरप्रदेश और बिहार पहुचे ! जिसको देख उत्तर प्रदेश सरकार भड़क गई और योगी सरकार और उनके अधिकारी ने तुरंत "मिग्रेंट कमिसन" बनाने का फैसला लिया ! उसमे उन मजदूरो की जानकारी इकठ्ठा करी जा रही जो अपने राज्य छोड कर दूसरे राज्य में काम करते थे उनकी स्किल के हिसाब से ! एक और चीज योगी सरकार ने मीडिया के साथ एक ऑनलाइन बातचीत के दौरान कहा की
"किसी भी राज्य को अगर उत्तरप्रदेश के श्रमिक या मजदूरो की जरुरत है उनको राज्य सरकार से इजाजत लेनी होगी ! हम जहां भी जाएंगे प्रवासी श्रमिकों द्वारा खड़े होंगे। अब हम प्रवासी को यही उत्तरप्रदेश में काम दिलाएंगे !" और अपने ट्विट्टर पर लिखा की "मेहनत कर अपनी जीविका चलाने वाले २३ लाख श्रमिक बहनों और भाइयो और उनके परिजनों को अब तक घर वापस लाया गया है ! सभी का स्वस्थ परिक्षण कर उन्हें उपयुक्त रूप से क्वारंटाइन करने, खाधत्र किट देने, राशन कार्ड बनवाने और १००० पोषण भत्ता दिए जाने के निर्देश दिए गए है !"
और योगी सरकार ने अधिकारियो से इस विषय पर बात की
        "यूपी को एन मजदूरो की मदद से कपडा उद्योग बनाया जा सकता है वेतनाम और बंगलादेश की तरह !" 

दिनांक May 07 2020 को देश में चार प्रदेश (पंजाब, कर्णाटक, हरयाणा, और गुजरात) के मुख्यमंत्रियों ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री को आश्वाशन दिया की
        "हम उत्तरप्रदेश के प्रवाशी मजदूरो की देखभाल करेंगे !'
ये फोन इसलिए आया क्युकी एन प्रदेशो को महसूस हुआ की प्रवासी मजदूर कितने जरुरी है व्यापार और राज्य चलाने के लिए ! ऐसा होता दिख नहीं रहा था ! जिसको लेकर राज्य ( मतलब योगी सरकार हलके में लेने को तैयार नहीं )  ने अब खुद निर्णय लिया अपने मजदूरो को दूसरे प्रदेश जाने से रोकेंगे जहाँ तक हो सकेगा यही उनको काम दिलाएगे !

दिनांक 25 May को राज ठाकरे ने इसका गलत तरीके से जवाब दिया की
"अगर योगी आदित्यनाथ यूपी के निवासियों को रोजगार देने की अनुमति देने पर जोर दे रहे हैं, तो उन्हें यहां काम करने के लिए महाराष्ट्र सरकार की अनुमति लेनी होगी।" 


 क्या फ़ायदा होगा इस 'मिग्रेंट कमिसन' से 
१- प्रवासी मजदूरो का इन्शुरन्स होगा !
२- इनकी सामाजिक सुरक्षा की जायेगी !
३- इनको रोजगार दिलाने में साहेयता करेगा !
४- इनके बेरोजगारी भत्ते का इंतेजाम करेगा !
५- और तो और इनकी पूरी रिकॉर्ड होगा प्रदेश के मजदूर को दूसरे प्रदेश में शोषण ना हो !
६- मजदूरो का कौशल मानचित्र भी बनाया जायेगा !


 कानून विशेषज्ञ की राय 
कानून विशेषज्ञ का कहना है की उत्तरप्रदेश सरकार ऐसा नहीं कह सकती क्युकी
        "आर्टिकल 19(1)(d) कहता है आप कहीं भी घूमने के लिए फ्री हो और आर्टिकल 19(1)(e) कहता है आप पुरे             देश कहीं भी रुक सकते हो !"
लेकिन अगर लोगो यही काम मिल जाये तो अन्य प्रदेशो को दिक्कत आएगी ! लेकिन कुछ जानकारों का कहना की ऐसा किया जा सकता है बिना ताकात के


 क्या हुआ प्रवासी मजदूर के साथ 

Bandra Migrant By Vinod Dudey
 Bandra Migrants Due To Vinod Dubey
(Photo : DNA India)

केस १ : दिनांक 18 Apr को महाराष्ट्र के मुम्ब्रा में एक विनय दुबे (जो एनसीपी और राज ठाकरे के संबंध और मंच साझा किया ) उसने मजदूरो को एक अफवाह फैलाई की ४० बसों को इंतेजाम किया गया है विडियो के माध्यम से ! जिसको १५ हज़ार से ज्यादा बार शेयर किया गया ! इस विडियो को ना तो सरकार की ख़ुफ़िया एजेंसी देख नहीं पाई या देखना नहीं चाहती थी ! इसके गुमराह करने की वजह से हजारो की संख्या में लोग अपनी जान को खेलने को मजबूर हो गए सिर्फ महाराष्ट्र सरकार की कमजोर प्रतिनिधि की वजह से !
 सबूत मुम्ब्रा में अफवाह मजदूरो के लिए 



Due to Fake Information & See Delhi Anand Vihar Terminal
Due to Fake Information & See Delhi Anand Vihar Terminal
(Photo : The Citizen)


केस २- दिनांक 18 Mar को केजरीवाल सरकार के मनीष ने अपने ट्वीट पर कहा
'प्रवासी मजदूरो' कहा गया की 'दिल्ली सरकार की करीब १०० बसे और उत्तरप्रदेश की करीब २०० बसे दिल्ली से पैदल जाने की कोशिश का रहे लोगो को लेकर जा रही है !'
और उसके केजरीवाल ने खुद एक ट्वीट करके बोला
        'उत्तरप्रदेश और दिल्ली दोनों साकरो ने बसों का इंतेजाम तो कर दिया !'
जबकि उत्तरप्रदेश सरकार ने ऐसी कोई बसों का इंतेजाम नहीं किया और झूट बोला गया ! एक विडियो भी ट्विट्टर और न्यूज में आया उसमे दिखाया गया
        मजदूरो को डीटीसी बसों में मजदूरो को यूपी बोर्डर पर छोड़ा गया ! वहां लाखो लोग इकट्ठा हो गए !
29 Mar
को ये होने के बाद जैसे उत्तरप्रदेश सरकार को पता चला तुरंत सरकार ने १२०० बसे भेजी ! 2 Apr को दिल्ली पुलिस ने ४४ बस ड्राइवर पर केस दर्ज किया था जो प्रवासी मजदूरो को बिना इजाजत आनंद विहार लेकर छोड रहे थे वो भी भूखे, भय के साथ ! 
 सबूत मजदूरो और दिल्ली बसों में आनंद विहार छोड़ा 



Uttarkashi Migrant Worker
Resprestation Migrant Worker
(Photo : Dainik Bhaskar)

केस ३ : दिनांक 19 May को चार प्रवासी मजदुर जिनका नाम अशोक, रमन, राजेश और राजन सहनी जो उत्तरकाशी में निर्माण स्थलों पर काम करता था उसके अपनी एक साइकिल थी वो मुरादाबाद का रहने वाला था ! वह अपने साइकिल से ही उत्तरकाशी से मोरादाबाद निकल गया ३८० किलो मीटर चलाने के बाद ! उसको कुछ दिन के लिए एक आश्रय गृह में भेजा गया था ! यात्रा के दौरान सामान्य कठिनाइयों के अलावा, उन्हें अक्सर पुलिस द्वारा रोका जाता था, और बिजनौर जिले के पास एक चेक-पोस्ट पर कुछ पुलिस ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया।
“हम किसी तरह अपने कार्यस्थल में जीवित रहने में कामयाब रहे। फिर बिना कुछ सोचे हमने साइकिल पर घर जाने का फैसला किया। हमें लगभग 380 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा और मुरादाबाद पहुँचने में हमें तीन दिन लग गए। हम अब पूरी तरह से थक चुके हैं और अधिकारियों से अनुरोध करते हैं कि वे हमारे घरों तक पहुंचने में हमारी सहायता करें !"



Rajasthan Cycle Theif Migrant Worker
Apologies Letter To Cycle Owner
(Photo : Twitter)

केस ४ : दिनांक 16 May को एक मजदूर मोहम्मद इकबाल खान जो राजस्थान में मजदूरी का काम करने गया था ! उसने एक साइकिल चुराई एक गांव सह्नावाली, भरतपुर से लेकिन मज़बूरी में ! उसने वहां एक नोट छोड दिया जिसमे लिखा था की
"नमस्ते जी, मै आपकी साइकिल लेकर जा रहा हूँ ! हो सके तो मुझे माफ कर देना जी क्युकी मेरे पास कोई साधन नहीं अतः मेरा एक बेटा है उसके लिए मुझे ऐसा करना पढ़ा क्युकी को विकलांग है ! पता नहीं हमें बरेली तक जाना है ! आपका कसूरवार एक यात्री मजदूर 'मोहम्मद इक़बाल खान' बरेली !"

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