चाइना अपने राजदूतो के जरिये देश में न्यूजपेपर से खिलवाड़ कर रहा
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China & Indian Newspaper Like A 2 Headed Snake |
➨ पहले आपको बताते है एक न्युजपेपर में बहुत तरह के खंड (section) होते है ! लेकिन हम बात करने चाहते दो तरह के खंड के बारे में ! पहला संपादकीय (Editorial) और दूसरा ओप-एड (Op-ed) !
संपादकीय खंड - संपादकीय खंड का मतलब सीधे सीधे न्यूजपेपर में लिखा गया लेख या राय सम्पादक (Editor) द्वारा और वो अपने विचार उसमे रखता है !
ओप-एड खंड - ये खंड इसलिए होता है की ठीक उल्टा संपादकीय खंड (Opposite To Editorial Section) का ! विभिन्न बुद्धिजीवियों और अधिकारियों के विचार उस विषयों पर वो सम्पादक के खिलाफ हो सकता या उसके साथ में हो सकता !
➨ अब आते है पिछले कुछ महीनो में बड़े बड़े न्यूजपेपर में चाइना के राजदूतो द्वारा हद से ज्यादा ओप-एड खंड लिखे जा रहे है ये एक चिंता का विषय है ! आप लोग बड़े न्यूजपेपर जैसे "दा हिंदू", "इंडियन एक्सप्रेस" अपनी तैयारी के लिए इस्तेमाल करते होंगे ! आज हम देश के लोगो का इन दो विषय पर ध्यान खीचना चाहते है !
१. चाइना के राजदूतो द्वारा भारत के न्यूजपेपरों में खूब ओप-एड खंड लिखे जा रहे लिमिट से ज्यादा !
२. चाइना गवर्नमेंट भारत के न्यूजपेपरों में कुछ ज्यादा विज्ञापन दिए जा रहे है !
➨ ओप-एड खंड - बहुत से देश अपने राजदूतो के जरिये अपनी राय न्यूजपेपर के इस खंड में लिखते है ! ये इसलिए होता है की वो राजदूत अपने देश की तरफ से आर्टिकल लिख रहा मतलब अपनी उस देश की विचार ! ऐसा भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस सब करते है लेकिन लेकिन उसकी एक लिमिट होती है ! चिंता कुछ चीजों को लेके है वो है
१. आवृत्ति (Frequency) - जब से कोरोनावायरस का आरंभ हवा है चाइना के राजदूतो नी कमसे कम 6 ओप-एड लिखे गए है !
Economics Times :Feb 29: The Open Road To Development
The Hindu : Mar 13: Fighting Covid-19 Together for a Shared Future
Times Of India : Apr 02 : A Seven Decades Journey - Charting a New Course For The Dragon Elephant Tango
Free Press Journal : Apr 06 : India And China Can Show The Way in Fighting The Virus (Co-Authored)
Hindustan Times : May 01 : Viruses Dont Respect Borders, Come Together
Indian Express : May 08 : Enemy is Coronavirus, Not China
इन छह ओप-एड में चाइना ये बताने की कोशिश कर रहा !
-> चाइना की कोरोना से लड़ाई में जो नीतिया है वो पूरी सबसे दुनिया से बढिया है !
-> चाइना सफल रहा कोरोना को हराने में !
-> ऐसी में बताया जा रहा अमेरिका जो बोल रहा वो गलत बोल रहा है चाइना के खिलाफ !
-> चाइना दुश्मन नहीं दुश्मन कोरोना है !
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चाइना के प्रवक्ता गेंग शुआंग |
२- Content Style - जब चाइना के राजदूतो द्वारा भारत में ओप-एड लिखा जाता है तो वो अपने इस ऑप-ऐड में बिलकुल नहीं हिचकिचाते भारत के नाम पर या भारत में संवेदनसील मुद्दों पर भारतीय भागीदार पर हमला करने में ! 20 Feb 2020 की बात है जब गृहमंत्री अमित शाह अरुणाचल प्रदेश गए थे तब चाइना के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने एक ऑनलाइन ब्रीफिंग में कहा था "चीन-भारत सीमा के पूर्वी क्षेत्र पर चीन की स्थिति, या चीन के तिब्बत क्षेत्र के दक्षिणी हिस्से में, सुसंगत और स्पष्ट है। चीनी सरकार ने तथाकथित 'अरुणाचल प्रदेश' को कभी मान्यता नहीं दी है और चीन के तिब्बत क्षेत्र के दक्षिणी हिस्से में भारतीय राजनेता की यात्रा का दृढ़ता से विरोध किया जाता है क्योंकि उसने चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन किया था। सीमा क्षेत्र की स्थिरता को कम करके, राजनीतिक पारस्परिक विश्वास को तोड़फोड़ की, और प्रासंगिक द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन किया। चीनी पक्ष भारतीय पक्ष से आग्रह करता है कि वह सीमावर्ती मुद्दे को और अधिक उलझाए और सीमा क्षेत्र की शांति और शांति बनाए रखने के लिए ठोस कार्रवाई करे! " !
चाइना हमेशा सीधा हमला कर्ता है लेकिन भारत क्यों नही !
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३- Op-ed One Sided - क्यों हमलोग कह रहे चाइना एकतरफा ओप-एड लिखता है ! वो हमेशा सिर्फ और सिर्फ चाइना और जी जिन्गपिंग की तारीफ के पुल बांधने और कोरोना से लड़ने में उनकी जीत दिखाने में लगे रहते है जबकि पूरी दुनिया में खिलाफ खड़ी है ! दिक्कत यहाँ चाइना से नहीं चाइना का काम है झूट बोलना ! दिक्कत यहाँ न्यूजपेपर वालो की है जो एक दूसरे थिंकर को Op-ed व्यू के लिए बोल सकते या बुलवा सकते लेकिन चाइना के मुद्दे में न्यूजपेपर वाले ऐसा नहीं कर रहे ! इसके पीछे का राज समझ गए होंगे पैसा ! क्या चाइना पैसा देता है ऐसा करने के लिए ! न्यूजपेपर एक व्यू (विचार) दिखा के देश के लोगो को क्या बताने की कोशिश कर रहे ! क्या न्यूजपेपर वालो पर सवाल नहीं उठता ??
४- Lack Of REciprocity - जैसे चाइना हिंदुस्तान के न्यूजपेपर में जगह दी जा रही है लेकिन भारत के राजदूतों को Op-ed की सुविधा वहां के न्यूजपेपर में नहीं मिलती अगर कभी दोखे में मान लो मिल भी जाये तो कुछ पाबंदी के साथ मिलती जैसे कश्मीर, अरुणाचल के बारे में भारत का राजदूत नहीं लिख सकता लेकिन चाइना का राजदूत तिब्बत के बारे में लिख सकता है और तो और पाकिस्तान के ऊपर भी नहीं कर सकता चाइना में भारत का राजदूत लेकिन चाइना का राजदूत भारत के दोस्त अमेरिका के ऊपर कर सकता है !
५- Mislabelling - जो चाइना के राजदूत के द्वारा Op-ed लिखे गए है उनको विश्लेषण और व्यक्तिगत दृष्टिकोण बताते है ! लेकिन पूरी दुनिया को पता है चाइना के राजदूत कहीं भी कुछ भी लिखते है वो चाइना की सरकार व्यम्पंथी पार्टी के विचार लिखते है ! और शीर्षक में अपना विश्लेषण लिख देते है ! सबको पता है चाइना की वामपंथी सरकार के कार्यसूची को आगे बड़ा रहे है !
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Apr 01, The Hindu |
➨ विज्ञापन - विज्ञापन ये वो चीज है जिससे समाचार कम्पनी पैसा कमाती है अगर ये ना करे तो पैसा कमाना मुश्किल हो जाये ! लेकिन मुद्दा ये है की ये लोग ये नहीं बताते की विज्ञापन है या लेख है क्युकी अगर विज्ञापन है तो उसके पीछे कोई प्रायोजकों (sponser) होगी ! इसके कोई तो पैसा दे रहा होगा जैसे की तीसरे पोइंट्स में बताया था ! कभी कभी ये लेबलिंग कर भी देते तो इतना छोटा लिखते जिससे कोई पड़े नहीं ! Apr 01 को The Hindu में विज्ञापन दिया गया था चाइना के राजदूत द्वारा जो
ना भारत के न्यूजपेपर "दा हिंदू" ने इसका विरोध नहीं किया गया और चाइना अपने राज्य के एजेंडे को आगे बड़ा रहा ! इसकी जाँच होनी चाहिए !
"भारत और चाइना के राजनयिक संबंध के 70 साल पुरे होने पर" ! लेकिन उसमे ये नहीं बताया गया था ये विज्ञापन है ! चाइना द्वारा लोगो को भ्रमित किया जा रहा है ! चाइना के राजदूत ने अपने वेबसाइट पर लिखा की "भारतीय मीडिया चीन और भारत के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 70 वीं वर्षगांठ पर विशेष पृष्ठ प्रकाशित करता है" !
ना भारत के न्यूजपेपर "दा हिंदू" ने इसका विरोध नहीं किया गया और चाइना अपने राज्य के एजेंडे को आगे बड़ा रहा ! इसकी जाँच होनी चाहिए !
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