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May 18, 2020

केजरीवाल ने प्रवासी को भगाया और रोहिंग्या को खिलाया

केजरीवाल ने यूपी बिहार को गरीब मजदूर को भगाया लेकिन रिहिंग्या को खाना खिलाया

CM Arvind Kejriwal
(Photo : Moneycontrol)
➨ दिनांक Mar 28 2020 को दिल्ली के हाई प्रोफाइल मुख्या मंत्री केजरीवाल ने कहा था की
"शनिवार को प्रवासी श्रमिकों से राष्ट्रीय राजधानी छोड़ने की अपील की, यहां तक ​​कि उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने उन्हें परिवहन के लिए बसों की व्यवस्था की है।"

Arvind Kejriwal - Manish Sisodia Tweets
(Photo : Twitter)
 डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने भी इसी तरह की अपील की, जिसमें कहा गया कि 
"दिल्ली सरकार ने शहर से घर चलने का प्रयास करने वाले लोगों के लिए 100 बसें तैनात की हैं।"
उसके बाद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुवे कहा की
"यूपी और दिल्ली की सरकारों ने बसों की व्यवस्था की है। फिर भी, मैं सभी से अपील करता हूं कि वे जहां रहें वहीं रहें। हमने ठहरने और खाने की व्यवस्था की है। कृपया घर पर रहें। अपने गाँव वापस न जाएँ, अन्यथा तालाबंदी का उद्देश्य है। असफल हो जाओगे !”
सिसोदिया ने ट्वीट किया की
"दिल्ली सरकार के 100 बसों और उत्तर प्रदेश सरकार के करीब 200 बसों पैर पर दिल्ली छोड़ने के लिए कोशिश कर रहा है लोगों के परिवहन कर रहे हैं। अभी तक मैं लॉकडाउन पालन करने के लिए सभी अपील। यह कोरोना के प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए एक समाधान है। वहाँ का खतरा है कोरोना बाहर venturing पर !"
एक दिल्ली परिवहनविभाग के अधिकारी ने कहा कि
"बड़ी संख्या में लोगों के अपने गृह राज्यों में जाने के बाद बसें तैनात की गईं। उन्होंने कहा कि डीटीसी और क्लस्टर बसें उन्हें यूपी से लगी सीमा पर उन बिंदुओं पर गिराएंगी जहां से राज्य की बसें उन्हें आगे ले जाएंगी।"
 केजरीवाल का ट्वीट के लिए यहाँ क्लिक करे 


➨ दिनांक May 16 2020 को राहुल गाँधी दिल्ली की फ्लाईओवर के आस पास फूटपाथ पर बैठ कर गरीब लाचार प्रवासी मजदूर जब दिल्ली से भगाए जा रहे थे तो उन्हों ने मजदूरों से घंटो बात की ! लेकिन राज्य सरकार पर एक आवाज नहीं उठाई जहाँ से लोग भगाए जा रहे थे ! उसके राहुल गाँधी ने एक ट्वीट किया और कहा
"ये हमारे अपने लोग हैं। हमें उनके साथ बैठकर बात करनी होगी। उनकी पीड़ा को साझा करना होगा। वे राष्ट्र निर्माता हैं। संकट के इस समय में हम उन्हें अकेला नहीं छोड़ सकते। धन्यवाद मेरे नेता राहुल गांधी।"
लेकिन मुद्दा राहुल गाँधी नहीं मुद्दा है प्रवासी मजदूर ! आज भी ढेड महीने बाद दिल्ली से उत्तरप्रदेश और बिहार के मजदूर भगाए जा रहे उनको खाना और रहना नहीं दे सकते ! 
 राहुल गाँधी का सबूत यहाँ क्लिक करे 

Screenshot Of Judgement

➨ 
दिनांक May 08 2020 दिल्ली सरकार के खिलाफ एक केस दायर किया गया ये किसी बीजेपी या विरोधी पार्टी ने नहीं दायर किया ये किया एक मुस्लिम व्यक्ति ने ! उसका नाम फज़ल अब्दाली है और उसके वकील स्नेहा मुखर्जी है ! उसमे कहा गया की
"11 मई के आदेश के बावजूद, 2018 सुप्रीम कोर्ट द्वारा W.P. (C) 859/2013 में पारित हुआ, प्रतिवादी के पास उनके बच्चों के लिए चिकित्सा सहायता और शिक्षा सुरक्षित पेयजल, स्वच्छता, जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने में विफल  है! "
जिसमे पॉइंट नंबर आठ में केजरीवाल सरकार के वकील संजय घोस ने बताया की
"रोहिंग्या परिवारों को राशन उपलब्ध कराया जा रहा है और चार भूख केंद्रों को तीनों के करीब चलाया जा रहा है याचिकाकर्ता द्वारा उल्लेखित शिविर।" 

➨ सवाल तो बनता है 
१- केजरीवाल सरकार प्रवाशी मजदूरों को क्यों अपने राज्य उत्तर प्रदेश और बिहार भेज रही थी ??
२- अगर खाना और कहने की व्येवस्था नहीं थी तो जनता को बताओ हाँ हमसे नहीं होगा ??
३- अगर खाना और रहना की पूरी व्यवस्था थी तो प्रवासी मजदूर अपने अपने गांव क्यों जा रहे या फोर्स किये जा रहे सिशोदिया सरकार की तरफ से ??
४ - खाना है भी तो रोहिंग्या को खाना देने का कौन सा तुक है पहले हक देश के लोगो का है मतलब प्रवासी मजदूर ??

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