हैदराबाद में उत्तरप्रदेश के लोगो का उत्पीड़न
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➨ दिनांक 11 May 2020, को एक उत्तर प्रदेश का कर्मचारी हैदराबाद (ओवासी के शहर) से भूखा गोरखपुर पंहुचा ! इसका नाम चंद्रमढ़ी विश्वकर्मा है और जिसने बताया की
वह एक फर्म का ठेकेदार के माध्यम से कारपेंटर का काम करता था ! और फर्म ने तनखा नहीं दी !
बंगलोर से चार महीने पहले ही हैदराबाद शिफ्ट हुआ था ! वहां छह हज़ार का कमरा ले रखा था !
20 Apr को माकन मालिक ने कमरा खाली करा लिया जिसके चक्कर में दो राते खुले में गुजारनी पड़ी !
साथी के कमरे में पहुचे तो वहां भी कमरा खाली करा लिया !
जब कोई ठिकाना नहीं मिला तो तीनों 25 Apr को पैदल घर के लिए निकल पड़े !
उनकी मुशीबत यहाँ कम नहीं हुई सुनशान सड़क पर पैदल जाते देख पुलिसकर्मी दौड़ा लेते तो वे सड़क छोड पगडंडी पकड़ लेते !
नौ दिन 1100km तक भागते भागते 04 May को जबलपुर पहुचे !
जबलपुर में एक ट्रक वाले ने 1500 रु लेके उसे प्रयागराज छोड़ने को कहा और वो चल दिए उसने प्रयागराज से पहले ही उतार दिया !
यहाँ से पैदल प्रयागराज बस स्टेशन पंहुचा ! प्रयागराज बस स्टॉप से रोडवेज की बस से गोरखपुर पुहंचा !
एक दिन बधालगंज के एक स्कूल में क्वारंटाइन रहा और उसके बाद होम क्वारंटाइन में भेज दिया गया !
➨ तेरह दिन में हैदराबाद (ओवैसी) के राज्य से गोरखपुर पंहुचा ! प्रयागराज में मिला खाना बस स्टॉप में समाजसेविक द्वारा बाँट रहे थे ! उसके पास पंहुचा और एक पत्तल में चावल और सब्जी खिलाई !
Source : हिंदुस्तान पेपर - कानपुर एडिसन - पेज नंबर आठ