👉🏻 ऑस्ट्रेलिया मीडिया द्वारा वामपंथी देश चाइना के सवाल का उसी भाषा में जवाब 👈🏻
नोट :- एक आर्टिकल में कोरोना को हमलोग चाइनिस वायरस बुलाएँगे और आपसे रेकुएस्ट है इसे जरूर पढ़े !
🤜🏻 जैसा की हम लोग जानते है ChineseVirus पूरी दुनिया में चाइना द्वारा फैलाया एक हथियार है !वो सिर्फ अपना सिक्का पूरी दुनिया पर स्थापित करने के लिए और विश्व ताकात बन्ने के लिए !
🤜🏻 चीन अपनी असलियत छुपाने के लिए विश्व के मीडिया हाउस में पैसे फंड कर रहा वो भी विज्ञापनों के जरिये ! जैसे वासिंगटन पोस्ट , दा हिंदू, दा वायर ऐसे बहुत है नाम यहाँ बताना जरुरी नहीं यहाँ जरुरी है आपको सच से सामना करना बाकि आप खुद समझ सकते है !
🤜🏻 ऐसे ही ऑस्ट्रेलिया की मीडिया ने कोरोना को चाइनिस वायरस बुलाना चालू कर दिया और अपने अपने न्यूज पेपर में भी चाइनिस वायरस लिखने लगी जिससे चाइना को दिक्कत होने लगी ! वहा के न्यूज पपरो ने चाइना इस हरकत पर जवाबी करवाई करने लगी !
🤜🏻 न्यूज पेपर वाले नहीं झुके तो चाइना ने अपने यहाँ से ऑस्ट्रेलिया के अम्बेसडर को बुला के सवालो की लंबी लिस्ट पकड़ा दी डराने धमकाने के लिए ! लेकिन ऑस्ट्रेलिया के न्यूजपेपर झुकने की बजाये एक एक सवाल के साथ उसका जवाब भी न्यूजपेपर में छाप दिया ! जिससे चाइना की विश्व में खुद बदनामी हो रही है ! यहाँ के कमुनिस्ट न्यूज मीडिया और कांग्रेस इसके बारे में नहीं बताएँगे ! इसलिए हमलोग सोशल मीडिया के माध्यम से आपको इन सवाल और जवाब को जरूर पड़ना चाहिए !
🤜🏻 एक बड़ी बात ये है चाइना पुरे विश्व के सवालो के जवाब देने से भाग रहा है ! सवाल जवाब जरूर पढ़े ! ऐसे भी जवाब पुरे विश्व के साथ साथ भारत के मीडिया को भी देना चाहिए जैसे ऑस्ट्रेलिया के मीडिया ने दिए!
सवाल १:- डेली टेलीग्राफ में पिछले दिनों कोविड 19 को लेकर चीन के तौर-तरीकों पर जो लेख और रिपोर्ट छापे गए हैं वो पूरी तरह से अज्ञानता, पूर्वाग्रह और अहंकार पर आधारित हैं।
जवाब :- अगर चीन में सरकारी अख़बार को ऐसी शिकायती चिट्ठी मिली होती तो अगले ही दिन उसके पत्रकार को जेल में डाला जा चुका होता और हो सकता है कि उसके शरीर के अंगों को प्रत्यारोपण के लिए दे दिया जाता।
सवाल २:- आपने इसे चीन का वायरस लिखा है, जबकि इसकी शुरुआत की जगह पता लगाना वैज्ञानिकों का काम है। इसके लिए पेशेवर और वैज्ञानिक तरीक़ा होना चाहिए।
जवाब :- सही बात है। तो फिर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाग लिजियन ने 12 मार्च को जब बोला था कि हो सकता है कि अमेरिकी सेना इसे वुहान लेकर आई हो तो ऐसा कहने का क्या वैज्ञानिक आधार था?
सवाल ३:- यह वायरस कहां से शुरू हुआ यह अभी साफ़ नहीं है। आपने इसे 'चाइनीज़ वायरस' लिखा है, जबकि WHO ने इसका नाम COVID-19 रखा है।
जवाब- वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइज़ेशन ने तो एक बार ज़िंबाब्वे के हत्यारे रॉबर्ट मुगाबे को अपना गुडविल एंबेसडर बनाया था। उसी ने 2 मार्च को कहा था कि कोरोनावायरस का कलंक इस वायरस से भी ज़्यादा ख़तरनाक है। WHO ने ऐसे कई मूर्खता वाले काम किए।
सवाल ४:- कोरोना वायरस को बार-बार चीन से जोड़ने और इसे 'मेड इन चाइना' बताने के पीछे आपका मक़सद क्या है?
जवाब- क्योंकि हमारा मक़सद सही जानकारी देना है। यही कारण है कि हम इस वायरस को इंग्लैंड के किसी शहर का नहीं बताते या इसे 'मेड इन पनामा' नहीं कहते।
सवाल ५:- वुहान के लोगों ने कोविड-19 को क़ाबू करने और इसे फैलने से रोकने में महान बलिदान दिया है।
जवाब- वुहान के ही डॉक्टर ली वेनलियांग ने ही सबसे पहले लोगों को कोरोनावायरस फैलने की चेतावनी दी थी। उनके बारे में न्यूयॉर्क टाइम्स में जनवरी में ख़बर भी छपी थी। बाद में पता चला कि चीन सरकार ने उनसे इस बयान पर जबरन दस्तख़त करा लिए कि उन्होंने वैसा कुछ नहीं कहा था। और अब उनकी मौत भी हो चुकी है। इसी से पता चलता है कि वुहान के लोगों ने कितना बलिदान दिया होगा।
सवाल ६:- कोई बात नहीं, शायद लोगों का ध्यान अपनी तरफ़ खींचने और इंटरनेट पर हिट्स पाने के लिए आपने वुहान को 'जॉम्बीलैंड' कहा है और वहाँ के सीफ़ूड मार्केट को 'चमगादड़ बाजार' का नाम दिया है। आप और कितना नीचे जा सकते हैं?
जवाब- दुनिया के सभ्य देशों के लिए "ब्रेडमैन बैटिंग करता है"। लेकिन वुहान में इस नाम से रेस्टोरेन्ट चलता है।
सवाल ७:- चीन सरकार ने जिस प्रभावी तरीक़े से महामारी की रोकथाम की वो कम्युनिस्ट सरकार के 'पीपुल सेंटर्ड फिलॉस्फी' का बेहतरीन उदाहरण है।
जवाब- 2018 में एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार पूरी दुनिया में जितने लोगों को मृत्युदंड दिया गया, उससे ज़्यादा सजाएं अकेले चीन में दी गईं। कृपया हमें अपनी 'पीपुल सेंटर्ड फिलॉस्फी' के बारे में और जानकारी दें और बताएं कि इसमें कुल मिलाकर कितनी गोलियाँ खर्च होती हैं।
सवाल ८:- तथ्यों को स्वीकार करने के बजाय आपके अख़बार ने चीन सरकार और कम्युनिस्ट पार्टी के ख़िलाफ़ दुष्प्रचार अभियान चलाया।
जवाब- और हां इसके बावजूद हमें न तो जेल हुई और न ही हमें गोली मारी गई। अभी तक न्याय नहीं हुआ।
सवाल ९:- क्या आपके अख़बार के निर्णय जनता के कल्याण पर आधारित होते हैं या वैचारिक पूर्वाग्रहों पर?
जवाब- हम मानते हैं कि चीन की क्रूर और निरंकुश सरकार के ख़िलाफ़ हमारे वैचारिक पूर्वाग्रह हैं। यह हमारी तरफ़ से बहुत बड़ी गलती है।
सवाल १०:- चीन सरकार ने 3 जनवरी से विश्व स्वास्थ्य संगठन और दुनिया के देशों को महामारी के बारे में पूरे पारदर्शी तरीक़े से जानकारी देनी शुरू कर दी थी।
जवाब- अच्छा तभी शायद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 14 जनवरी को ट्वीट किया था कि दुनिया को परेशान होने की ज़रूरत नहीं। कोविड-19 मानव से मानव को संक्रमित नहीं करता। क्या आप दुनिया को गुमराह नहीं कर रहे थे?
सवाल ११:- महामारी बहुत तेज़ी से पूरी दुनिया में फैली। चीन तो इससे प्रभावित देशों की मदद करने की हरसंभव कोशिश कर रहा है।
जवाब- तभी स्पेन, टर्की और नीदरलैंड्स को आपने जो मेडिकल किट बेचे थे उनमें से ज़्यादातर ख़राब निकले और वापस लौटाए जा रहे हैं। बीबीसी पर इसकी रिपोर्ट भी छपी है। एबीसी की रिपोर्ट के अनुसार ऑस्ट्रेलियन बॉर्डर फ़ोर्स ने 8 लाख नक़ली मास्क भी ज़ब्त किए हैं। आपकी यथासंभव सहायता के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
सवाल १२:- वायरस देशों की सीमाओं को नहीं मानता।
जवाब- अच्छा फिर 28 मार्च को आपने चीन की सीमाओं को बंद करने का एलान क्यों किया? जबकि आपने तो कोविड-19 पर जीत हासिल करने का दावा किया था?
सवाल १३:- आपने बार-बार चीन के उपायों को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन के सकारात्मक अनुमानों पर सवाल खड़े किए हैं। लेकिन आपको पता होगा कि यह दुनिया में जनस्वास्थ्य के बारे में सबसे बड़ा आधिकारिक संगठन है और ऑस्ट्रेलिया समेत 190 देश इसके सदस्य भी हैं।
जवाब- इस संख्या पर नज़र बनाए रखें।
सवाल १४:- विश्व स्वास्थ्य संगठन और हमारी तरफ़ से दी गई औपचारिक सूचनाओं के बजाय आपने ढेर सारे तथाकथित "रणनीतिक विश्लेषकों" के बयान छापे हैं। क्या आपको पता है कि जिन लोगों के ये बयान हैं उनकी संस्थाएँ अमेरिकी सरकार से आर्थिक सहायता लेती रही हैं और बहुत पहले ही उनकी पोल खुल चुकी है?
जवाब- आपके मुताबिक़ विश्व स्वास्थ्य संगठन बहुत अच्छा है, उसे भी अमेरिकी सरकार ने पिछले साल लगभग 900 मिलियन डॉलर दिए? आपका उस बारे में क्या कहना है।
सवाल १५:- चीन में महामारी के बारे में आपकी ख़बरें बहुत बढ़ा-चढ़ाकर पेश की गईं। इनमें बहुत कुछ अफ़वाहें और राजनीतिक बदनीयती देखी जा सकती है।जवाब- ओह हम कितने शैतान हैं। कृपया डॉक्टर ली वेनलियांग का जबरन लिया गया वो बयान हमें भी भेज दें, जिनमें उन्होंने समय पर दी गई अपनी ही चेतावनी को अफ़वाह बता दिया था, ताकि हम भी उस पर हस्ताक्षर कर सकें।
🤜🏻 पूरा विश्व चीन के खिलाफ लिख रहा लेकिन हमारे यहाँ कुछ मीडिया अपने ही देशभक्त प्रधान मंत्री को बुरा साबित करने में लगे है !
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